Jharkhand Politics: अधिकारियों को बाबूलाल मरांडी की चेतावनी, बोले- 'कुछ जिलों के DC खुद को राजा समझ बैठे हैं उन्हें...'
Ranchi News: बाबूलाल मरांडी ने काह कि, अधिकारियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि हेमंत सोरेन सदा सर्वदा के लिए सत्ता में नहीं हैं. समय बदलता है और सबके किए का हिसाब बराबर कर लेता है. देखते जाइए अगला कौन?
Jharkhand News: बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Maradi) ने झारखंड जिला अधिकारियों पर जमकर हमाल बोला है. बीजेपी नेता ने ट्वीट कर कहा कि, 'कुछ जिलों के जिलाधिकारी (DC) अपने को जिले का राजा समझ रहे हैं. बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार करना, जनहित से जुड़े किसी प्रार्थना पत्र को लटकाए रखना, दलालों के माध्यम से आ रहे कामों को तत्परता से करना, स्वयं झामुमो पार्टी के पदाधिकारी की तरह काम करना, बीजेपी की विचारधारा से जुड़े लोगों, विधायकों-सांसदों को अपमानित करना, सरकार के काले कारनामे उजागर करने वालों पर झूठा केस-मुक़दमा कर परेशान करना, यही उनका काम है.'
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि, 'कम से कम दो और जिलों के डीसी की कारस्तानी और उसका परिणाम जल्दी सबके सामने आएगा. कुछ ऐसे सीनियर अफसर भी केन्द्रीय जांच एजेंसियों के रडार पर हैं, जिन्होंने झारखंड को लूटने में कोई कसर उठा नहीं रखा है. अधिकारियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि हेमंत सोरेन सदा सर्वदा के लिए सत्ता में नहीं हैं. समय बदलता है और सबके किए का हिसाब बराबर कर लेता है. देखते जाइए ……अगला कौन?'
झारखंड के कुछ जिलों के जिलाधिकारी (DC) अपने को ज़िले का "राजा" समझ रहे हैं।भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार करना, जनहित से जुड़े किसी प्रार्थना पत्र को लटकाए रखना, दलालों के माध्यम से आ रहे कामों को तत्परता से करना, स्वयं झामुमो पार्टी के पदाधिकारी की तरह काम करना, भाजपा की…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 7, 2023
जमीन घोटाले को लेकर कही ये बात
वहीं इससे पहले बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर देवघर जमीन घोटाने को लेकर कहा था कि,'पिछले दिनों देवघर के LPC गड़बड़ी के एक मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने वहां के अधिकारियों को रात में कोर्ट खोलकर बुलाया, कड़ी फटकार लगायी और चेतावनी दी. फिर भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा. मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अनुरोध करता हूं कि, देवघर में साढे़ तीन साल में जमीन एलपीसी, रजिस्ट्री, म्यूटेशन के मामलों की जांच माननीय उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की अध्यक्षता में आयोग बनाकर कराने का निर्णय लें.