Jharkhand: IPC, CRPC और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव वाले विधेयक पर मंत्री बन्ना गुप्ता ने दी प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा
Jharkhand News: केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में पेश किए आईपीसी. सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में बदलाव वाले बिल पर झारखंड के स्वास्थय मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
Banna Gupta On IPC CRPC And Evidence Act New Bill: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को विवादास्पद राजद्रोह कानून को निरस्त करने सहित "औपनिवेशिक युग" के आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए तीन विधेयक लोकसभा में पेश किए. भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम (CRPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की जगह लेने वाले ये तीन विधेयक क्रमशः भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा विधेयक और भारतीय साक्ष्य विधेयक हैं.
अब इन विधेयकों को लेकर झारखंड के स्वास्थय मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा "केंद्र के पास कुछ छिपा हुआ एजेंडा है, और इस छिपे हुए एजेंडे के अनुसार, वे कानून बना रहे हैं और तोड़ रहे हैं. समय हमें बताएगा कि उनके विचार क्या हैं और वो ये बदलाव क्यों कर रहे हैं"
#WATCH | ..." Centre has some hidden agenda, and according to this hidden agenda, they're making and breaking laws...time will tell us what are their thoughts and why are they making these changes...", says Jharkhand Health Minister Banna Gupta, on bills replacing IPC, CrPC and… pic.twitter.com/9PrcZz2Rda
— ANI (@ANI) August 11, 2023
इन कानूनों में होगा बदलाव
IPC: भारतीय दंड संहिता 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 जगह लेगी. ये नया बिल आईपीसी के 22 प्रावधानों को निरस्त करेगा. साथ ही नए बिल में आईपीसी के 175 मौजूदा प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया है. नए विधेयक में नौ नई धाराएं भी जोड़ी गई हैं भारतीय न्याय संहिता, 2023 में कुल 356 धाराएं हैं.
CRPC: आपराधिक प्रक्रिया संहिता यानी क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023' लेगी. इसके जरिए सीआरपीसी के नौ प्रावधानों को निरस्त किया जाएगा. इसके अलावा विधेयक में सीआरपीसी के 107 प्रावधानों में बदलाव और नौ नए प्रावधान पेशशक की गई है. विधेयक में कुल 533 धाराएं हैं.
Indian Evidence Act: इसकी जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 लेगा. नया विधेयक में साक्ष्य अधिनियम के पांच मौजूदा प्रावधानों को निरस्त किया जाएगा. बिल में 23 प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया है और एक नया प्रावधान पेश किया गया है. इसमें कुल 170 धाराएं हैं.
गृह मंत्री शाह ने क्या कहा
बता दें गृह मंत्री शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में ये बिल पेश करते हुए कहा कि मैं आज जो तीन विधेयक पेश कर रहा हूं उनमें आपराधिक न्याय प्रणाली का सिद्धांत कानून भी शामिल है. उन्होंने कहा कि इसमें एक है भारतीय दंड संहिता जो 1860 में बनी थी. दूसरी है आपराधिक प्रक्रिया संहिता जो 1898 में बनी थी और तीसरी है भारतीय साक्ष्य अधिनियम है जो 1872 में बनी थी. उन्होंने कहा कि अब राजद्रोह कानून पूरी तरह से निरस्त कर दिया जाएगा.
गृह मंत्री शाह ने कहा कि 1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही. तीन कानूनों को बदल दिया जाएगा और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में एक बड़ा बदलाव आएगा.