Jharkhand News: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने विधायक सरयू राय के खिलाफ चाईबासा के एमपी-एमएलए कोर्ट में 10 मई को अपने वकील प्रकाश झा द्वारा शिकायतवाद दाखिल किया था. इसमें मंत्री बन्ना गुप्ता ने विधायक सरयू राय के खिलाफ आरोप लगाया था कि, विधायक सरयू राय ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण अपने सोशल मीडिया (ट्विटर एवं फेसबुक) हैंडल और स्थानीय समाचार पत्रों में गलत जानकारी प्रसारित कर रहे हैं. वहीं मंत्री बन्ना गुप्ता के ऊपर प्रतिबंधित हथियार रखने और उसका उपयोग करने का भी सरयू राय ने आरोप लगाया था.


इसके बाद तीन मई को मंत्री बन्ना गुप्ता के वकील प्रकाश झा ने सरयू राय को लीगल नोटिस भेजा था. जिसका विधायक सरयू राय द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया और उस लीगल नोटिस की जगह कूड़ेदान में बताया गया था. वहीं अब जनप्रतिनिधियों के विशेष कोर्ट के जस्टिस ऋषि कुमार की कोर्ट ने शिकायतकर्ता के एसए और कोर्ट में जमा किए गए दस्तावेज की जांच की. इस जांच में कोर्ट ने शिकायकर्ता बन्ना गुप्ता के शिकयत को नॉन मेंटेंबल (Non Maintainable) करार दिया.


इसके साथ ही कोर्ट में शिकायतकर्ता बन्ना गुप्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के अनुसार अदालत ने यह पाया कि आरोपी सरयू राय के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है. इसलिए कोर्ट ने विधायक सरयू राय के खिलाफ दायर शिकायत संख्या 182/2023 को खारिज कर दिया. वहीं विधायक सरयू राय की ओर से कोर्ट में वकील अनिंदा मिश्रा, सौरव सिन्हा, प्रतीक शर्मा और महादेव शर्मा पक्ष रख रहे थे.


मामला क्यों पहुंचा कोर्ट
बन्ना गुप्ता के वकील प्रकाश झा की मानें तो विधायक सरयू राय ने 27 अप्रैल के बाद से लगातार विभिन्न तरह के तथ्य से परे कई तरह की खबरें फैलायी जा रही हैं. उनके इस कृत्य से मंत्री बन्ना गुप्ता की मर्यादा पर सवाल खड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि सरयू राय के इस कृत्य के बाद मंत्री बन्ना गुप्ता ने उन्हें लीगल नोटिस भेजा था. इस नोटिस में उन्होंने सरयू राय को माफी मांगने को कहा गया था, लेकिन उनकी ओर से कोई पहल नहीं की गयी. इसके बाद न्यायालय में शिकायत दर्ज करायी गयी है.


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