Ranchi Land Scam Case: रांची भूमि घोटाला मामले में बड़ा खुलासा, इनके जरिए IAS छवि रंजन तक पहुंचता था पैसा
IAS Chhavi Ranjan News: रांची भूमि घोटाला मामले में विपिन सिंह ने ईडी को बताया है कि आईएएस छवि रंजन फर्जी कागजात बनाने के मास्टरमाइंड अफसर अली से प्रत्यक्ष संपर्क में था.
Jharkhan News: झारखंड की राजधानी रांची जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की पूछताछ तीसरे दिन भी जारी है. दूसरे दिन रांची के पूर्व डीसी और संस्पेंडेड आईएएस छवि रंजन से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आईएएस छवि रंजन जमीन की फर्जी रजिस्ट्री मामले में बिचौलियों के जरिए पैसा लेता है. इस मामले में आरोपी विपिन सिंह ने ईडी को बताया है कि छवि रंजन फर्जी कागजात बनाने के मास्टरमाइंड अफसर अली से सीधे संपर्क में था.
रांची जमीन घोटाला मामले में ये बातें भी सामने आई है कि आईएएस अधिकारी छवि रंजन अफसर अली के संपर्क में था. अली ने एक नहीं बल्कि कई जमीन के फर्जी कागजात बनाए. इस बात की जानकारी छवि रंजन को थी. इन जमीनों को लेकर बिचौलिए के तौर पर विपिन सिंह ने डीसी छवि रंजन तक पैसे पहुंचाए थे. इस मामले में जब ईडी के अधिकारियों ने छवि रंजन से पूछा कि अफसर अली का तो यह कहना है कि अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश की मौजूदगी में बतौर डीसी उन्होंने बड़गाईं सीओ मनोज कुमार को बुलाकर सेना जमीन में जगतबंधु टी इस्टेट को जमीन बेचने और प्रदीप बागची के पक्ष में सत्यापन रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन अपने जवाब में आईएएस छवि रंजन ने इससे साफ इनकार कर दिया. आईएएस रंजन ने कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि फर्जी तरीके से कागजात बनाए गए हैं। छवि ने यह भी दोहराया कि उनकी कोई पहचान अमित अग्रवाल या प्रेम प्रकाश से नहीं है।
जांच में लखन का बार-बार आ रहा नाम
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में अहम यह है कि लखन सिंह नाम के शख्स का नाम बार-बार आ रहा है. दरअसल, अफसर अली ने रांची में जिन जिन जगहों पर फर्जी कागजातों के आधार पर जमीनें हड़पीं, उन सभी स्थानों पर लखन सिंह का नाम किसी न किसी तरह से उभर कर सामने आया है। ईडी ने जांच में यह भी पाया है कि तकरीबन एक दर्जन से अधिक जगहों पर जमीन की बिक्री में लखन सिंह या तो सीधे गवाह है या पहचानकर्ता के तौर पर उसके हस्ताक्षर हैं.
इस वजह से विष्णु से नहीं हो पाई पूछताछ
इसी तरह जब चेशायर होम रोड स्थित जमीन बिक्री के एक मामले में ईडी के अधिकारियों ने विष्णु अग्रवाल से सवाल पूछा तो उसने कहा कि तबीयत खराब होने का हवाल देकर बताया कि इन हालातों में वो ईडी के सवालों का जवाब नहीं दे सकते। ईडी अब चार-पांच दिन के बाद उन्हें फिर पूछताछ के लिए बुला सकती है। जानकारी यह भी है कि प्रवर्तन निदेशालय ने चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की रजिस्ट्री के मामले में लखन सिंह, राजेश राय और विपिन सिंह से भी पूछताछ की है.
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