Chandan Dam: झारखंड को पानी देने से बिहार सरकार ने किया इनकार, चांदन डैम को लेकर HC ने दिया ये आदेश
Ranchi: बीजेपी सांसद डॉ निशिकांत दुबे की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इस डैम के निर्माण काल के समय ही इससे बिहार और झारखंड को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाना था.
Jharkahnd News: बिहार (Bihar) के बांका में स्थित चांदन डैम (Chandan Dam ) के पानी के बंटवारे पर बिहार और झारखंड के बीच विवाद लगातार जारी है. वहीं इस मामले से संबंधित जनहित याचिका पर सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. बिहार सरकार की ओर से दायर शपथ पत्र में बताया गया कि, चांदन डैम से झारखंड को पानी नहीं दिया जा सकता है. जबकि झारखंड सरकार ने अपने शपथ पत्र में कहा है कि, राज्य के गोड्डा जिले में सिंचाई के लिए पानी मिलना चाहिए.
यह याचिका गोड्डा के बीजेपी सांसद डॉ निशिकांत दुबे की ओर से दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि इस डैम के निर्माण काल के समय ही इससे बिहार और झारखंड को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाना था. इससे निकाले गए 100.5 किलोमीटर लंबे कैनाल का 69.5 किलोमीटर का हिस्सा झारखंड में और 31 किलोमीटर का हिस्सा बिहार में पड़ता है. इस डैम से झारखंड को भी स्वाभाविक तौर पर सिंचाई के लिए पानी मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है.
कोर्ट ने मरम्मत को लेकर मांगा था जवाब
निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि, डैम से निकाले गए कैनाल की मरम्मत और पानी उपलब्ध कराने की मांग याचिका में की है. इस याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों राज्यों की सरकारों को कैनाल की मरम्मत की स्थिति के बारे में एफिडेविट दायर कर जवाब देने को कहा गया था. बिहार और झारखंड सरकार की ओर से काउंटर एफिडेविट दायर कर बताया गया कि, उनके हिस्से के कैनाल सिस्टम की मरम्मत नहीं हो पायी है. जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा.
अगली सुनवाई 26 मई को
वहीं प्रार्थी निशिकांत दुबे की ओर से उनके अधिवक्ता ने बिहार और झारखंड सरकार के जवाब पर प्रत्युत्तर देने के लिए समय मांगा. प्रार्थी की ओर से एडवोकेट दिवाकर उपाध्याय ने मामले की पैरवी की. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 26 मई को तय की है.
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