Babulal Marandi Attack on Hemant Soren: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) के शीतकालीन सत्र में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) सिविल सर्विस परीक्षा के प्रारंभिक परिणामों में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर सदन के भीतर और बाहर जमकर हंगामा हुआ. राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा (BJP) ने पूरे मामले की जांच और आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) को हटाने की मांग की, वहीं राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने सदन में दिए अपने जवाब में कहा कि जेपीएससी स्वायत्त संस्था है, उसकी परीक्षा या उसके परिणाम में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है. 


मनुवादियों के पेट में दर्द हो रहा है
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में कहा कि, ''पहली बार जेपीएससी पीटी में बड़े पैमाने पर आदिवासी, दलित और पिछड़े छात्र सफल हुए हैं, तो मनुवादियों के पेट में दर्द हो रहा है, ऐसे ही लोग आंदोलन को हवा दे रहे हैं.'' सीएम सोरेन ने कहा कि, ''पहली बार हमारी सरकार नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश कर रही है, तब इस मुद्दे पर भाड़े के लोगों को बुलाकर आंदोलन का दिखावा किया जा रहा है. जेपीएससी अपने निर्णयों के लिए स्वतंत्र है, उसके कार्यों में हमारी सरकार का कोई हस्तक्षेप या दबाव नहीं है.'' मुख्यमंत्री के इस बयान पर भाजपा समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के सदस्य उत्तेजित हो गए और उन्होंने बयान को परीक्षा देने वाले अन्य परीक्षार्थियों का अपमान बताया.


बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर साधा निशाना 
इस बीच झारखंड के झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार पर निशाना साधा है. झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि, '#JPSC के मामले पर अपनी नाकामी और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सीएम @HemantSorenJMM जी अब अनर्गल और बेतुका बयान दे रहे हैं. जब इनके नियुक्ति वर्ष और नौकरियों के वादे फुस्स हो गए, भ्रष्टाचार उजागर हो गया तो विरोध करने वालों को मनुवादी और विहिप के लोग बता बैठे. जबकि सच ये है कि सरकार छात्र आंदोलनों को दबाने के लिए तरह-तरह के षड़यंत्रों में जुटी है. अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने और जेपीएससी के भ्रष्ट अध्यक्ष को बचाने में जुटी है. जब सबकुछ साफ और पारदर्शी है तो सीबीआई जांच से डर कैसा? मतलब साफ है भ्रष्टाचार और साजिशों की जड़े काफी गहरी है.'




सीएम से मांगा जवाब 
इससे पहले सदन में बहस के दौरान भाजपा के विधायक भानुप्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री का ये कहना बेहद आपत्तिजनक है कि जेपीएससी परीक्षा का विरोध करने वाले बाहरी हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का ये बयान न्याय के लिए सड़क पर संघर्ष कर रहे छात्रों का अपमान है. आजसू के सुदेश महतो और भाजपा के विधायक अमर बाउरी ने इस मुद्दे पर सदन के भीतर मुख्यमंत्री से जवाब की मांग की. 


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