Jharkhand Assembly Session: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में मंगलवार को जेपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर विपक्ष ने एक बार फिर जोरदार हंगामा किया. सदन में ध्यानाकर्षण के दौरान हजारीबाग के भाजपा विधायक (BJP MLA) ने सरकार पर जनता की बात नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए प्रोसिडिंग का पेपर फाड़ डाला. इस पर सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने आपत्ति जताते हुए इसे सदन के अवमानना का मामला बताया. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. इस पर स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने उन्हें विधानसभा के चालू शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया. निलंबन के बाद भी जब वो सदन में बैठे रहे तो स्पीकर के आदेश पर उन्हें सदन से मार्शल आउट कर दिया गया.


नियम से चलता है सदन 
भाजपा विधायक मनीष जायसवाल को सदन से निलंबित करने के स्पीकर के नियमन पर भाजपा के अन्य विधायकों ने जोरदार विरोध जताया. रांची के विधायक सीपी सिंह ने स्पीकर से सवाल किया कि किस नियम के तहत उन्हें निलंबित किया गया? उन्होंने कहा कि सदन भावना से नहीं नियम कानून से चलता है, इसके बाद भाजपा के सभी विधायकों ने प्रोसिडिंग के पेपर फाड़ डाले. 


बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
स्पीकर ने कहा कि सदस्य सवाल भी लाते हैं, वेल में आकर हंगामा करते हैं, प्रोसिडिंग भी फाड़ते हैं, ये किस तरह का आचरण है. इस तरह के आचरण को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आप लोग लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त करना चाहते हैं, ये आचरण क्षम्य नहीं है. 


सदन में जनता की आवाज उठाई
बाद में सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि सरकार जनता की मांगों को अनसुनी कर रही है. मैंने सदन में जनता की आवाज उठाई, ये जुर्म नहीं है. जनता की बात करना अगर जुर्म है तो ये मैं बार-बार करूंगा. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि उनके खिलाफ स्पीकर ने जो भी फैसला दिया है, वो उसका सम्मान करते हैं, उन्होंने अपना काम किया है. 


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