Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को जमानत दिए जाने के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है. हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में हाई कोर्ट (High Court) ने 28 जून को जमानत दे दी थी. ईडी के इस कदम का बीजेपी ने स्वागत किया है. झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाह देव (Pratul Shah Deo) ने कहा कि अगर एक आरोपी को जमानत दी जाती है तो सर्वोच्च न्यायलय जाना एजेंसी का अधिकार है. 


प्रतुल शाह देव ने कहा, ''अगर एक आरोपी को जमानत दी जाती है तो यह एजेंसी का अधिकार है कि वह इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय जाए. मामले के ब्यौरे का इंतजार किया जा रहा है कि किस आधार पर ईडी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, लेकिन कोई भी कोर्ट का रुख कर सकता है. पहली नजर में ईडी को ऐसा लग रहा है कि झारखंड हाई कोर्ट के जजमेंट के कुछ हिस्से ऐसे हैं जिसकी जजों ने अनदेखी की है.''


जनता की नजर में दोषी हैं हेमंत सोरेन- प्रतुल शाह
प्रतुल शाह ने कहा कि ''हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास से मिले 36 लाख रुपये के बारे में जो कारण बताया गया है वह अपुष्ट है. जहां तक कोर्ट का सवाल है, यह तकनीकी और कानूनी मसला है, लेकिन जनता की अदालत में हेमंत सोरेन जमीन हथियाने के दोषी पाए गए हैं.'' हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नौ समन जारी किए गए थे. आखिरी समन में पूछताछ के दौरान ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.


जेल से बाहर आते संभाली सीएम पद की कमान
31 जनवरी को हेमंत ने अपनी गिरफ्तारी से पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और चंपई सोरेन को सीएम बनाया गया था. हालांकि पांच महीने बाद जब हेमंत को जमानत मिली तो उन्होंने एकबार फिर सीएम पद की कमान संभाल ली है. झारखंड में सोमवार को फ्लोर टेस्ट कराया गया और वह हेमंत सोरेन ने यह टेस्ट पास कर लिया है. 


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