Mission 2023: बीजेपी नेता ने खोली 'एक्सीडेंटल CM' की पोल! एक ट्वीट से समझाया कैसे युवाओं को कोर्ट-कचहरी में फंसा रही सरकार
बाबूलाल मरांडी ने कहा, घोषणावीर मुख्यमंत्री ने कल ही 35 हजार नई नौकरी की घोषणा की थी और लीजिए शुरुआती रुझान के तौर पर उनकी पुरानी 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति पर गलत नियम के कारण रोक लगा दी.
Jharkhand News: झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पर कई आरोप लगा चुके हैं. ऐसे में इस बार बीजेपी नेता ने सीएम सोरेन पर युवाओं के साथ छल करने का आरोप लगाया है. बाबूलाल मरांडी ने 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट की ओर से रोक लगने पर सीएम सोरेन पर निशाना साधा. बीजेपी नेता ने कहा कि, एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री तो शुरू से ही गलत नियम और नीति बनाकर युवाओं को कोर्ट कचहरी में उलझा कर धोखा देने का काम कर रहे हैं.
'CM नहीं चाहते कि युवाओं को रोजगार मिले'
बाबूलाल मरांडी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, 'हेमंत सरकार की न नियत है और न ही कोई नीति है कि युवाओं को रोजगार मिले, एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री तो शुरू से ही गलत नियम और नीति बनाकर युवाओं को कोर्ट कचहरी में उलझा कर धोखा देने का काम कर रहे हैं. घोषणावीर मुख्यमंत्री ने कल ही 35 हजार नई नौकरी की घोषणा की थी और लीजिए शुरुआती रुझान के तौर पर उनकी पुरानी 25 हज़ार शिक्षकों की नियुक्ति पर गलत नियम के कारण रोक लगा दी गई.'
हेमंत सरकार की न नियत है और न ही कोई नीति है कि युवाओं को राजगार मिले, एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री तो शुरू से ही गलत नियम और नीति बनाकर युवाओं को कोर्ट कचहरी में उलझा कर धोखा देने का काम कर रहे हैं.
— Babulal Marandi (@yourBabulal) September 6, 2023
घोषणावीर मुख्यमंत्री ने कल ही 35 हज़ार नई नौकरी की घोषणा की थी और लीजिए शुरुआती रुझान… pic.twitter.com/jIq8tPgTgc
'इन्हें तो युवाओं के भविष्य से खेलना है'
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि, पिछले साल भी गलत नियोजन नीति के कारण हजारों नियुक्तियों को सरकार ने खुद रद्द कर दिया था, लेकिन मजाल है कि सरकार पुरानी गलती से कोई सीख ले, इन्हें तो सिर्फ युवाओं के भविष्य के साथ खेलना है, सीटें बेचनी है और अखबारों में बड़ी-बड़ी घोषणाएं करनी हैं. दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट ने JSSC के माध्यम से सहायक आचार्य के 26,001 पदों पर होनेवाली नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. अदालत ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से इन पदों पर नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन पर रोक लगाते हुए आयोग, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.
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