Jharkhand News: झारखंड में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को करारा झटका लगा है. गिरिडीह में कुख्यात नक्सली ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. नक्सली रामदयाल महतो पर 10 लाख का इनाम था. रामदयाल महतो ने पुलिस के आलाधिकारियों की मौजूदगी में सरेंडर कर दिया. रामदयाल महतो अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है. बच्चन दा उर्फ निलेश दा उर्फ अमर दा भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के जोनल कमिटी का सदस्य है.


रामदयाल महतो के सरेंडर करने से झारखंड में भाकपा माओवादी को तगड़ा झटका लगा है. झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 'नई दिशा-एक नई पहल' से प्रभावित होकर इनामी नक्सली ने पुलिस के सामने सरेंडर किया. रामदयाल महतो को आज (शनिवार) मीडिया के सामने लाया गया. डीआईजी सुनील भास्कर, एसपी डॉ बिमल कुमार, एसएसबी के पदाधिकारी संजीव कुमार ने रामदयाल उर्फ बच्चन को 10 लाख का चेक भी दिया. रामदयाल उर्फ बच्चन पीरटांड प्रखंड के पिपराडीह का रहनेवाला है. अधिकारियों ने बताया कि रामदयाल झारखंड-बिहार की कई नक्सली वारदात में शामिल रहा है. 


10 लाख के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर 


तोपचांची थाना उड़ाने और एसएलआर सहित हथियार लूट कांड में भी रामदयाल की अहम भूमिका रही है. रामदयाल उर्फ बच्चन की अगुवाई में दो साल पहले नक्सलियों ने उप-मुखिया असलम अंसारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. असलम अंसारी पर नक्सलियों को पुलिस मुखबिरी का शक था. घटना डुमरी थाना के तलियाबहियार गांव की थी. रामदयाल महतो गिरिडीह और धनबाद जिलों में दर्जनों नक्सली वारदात को अंजाम दे चुका है. धनबाद में इनामी नक्सली के खिलाफ 43 और धनबाद में 54 मामले दर्ज हैं. रामदयाल महतो का झारखंड में लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. डीआईजी सुनील भास्कर ने बताया कि रामदयाल महतो के आत्मसमर्पण करने से माओवादियों को भी प्रेरणा मिलेगी. नक्सली संगठन के जोनल कमिटी सदस्य रहे रामदयाल के आत्मसमर्पण से नक्सली घटनाओं में काफी कमी आने की उम्मीद है. गिरिडीह, बोकारो और धनबाद के साथ-साथ पूरे झारखंड में नक्सलियों का मनोबल कमजोर पड़ेगा. 


(रिपोर्ट- अमरनाथ सिन्हा)


ये भी पढ़ें-


झारखंड में बनेंगे 5 लाख नए राशन कार्ड, खाद्य सुरक्षा योजना में होगा विस्तार, डीलर्स का कमीशन भी बढ़ेगा