Bokaro News: झारखंड हाईकोर्ट ने बोकारो जिले के हरला थानाक्षेत्र में इस वर्ष जून में संदिग्ध यूरेनियम जब्त किये जाने के मामले की अबतक राज्य सरकार द्वारा की गयी जांच पर असंतोष जताते हुए शुक्रवार को इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को प्रतिवादी बनाया. अदालत ने इसके साथ ही इसमें भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र एवं देश की ऐसी ही अन्य शीर्ष परमाणु एजेंसियां के वैज्ञानिकों की राय लेने का निर्देश भी दिया.


कोर्ट ने और क्या कहा
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय प्रसाद की पीठ ने जून 2021 में बोकारो से जब्त संदिग्ध यूरेनियम के नमूने की जांच भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी) के साथ इंदिरा गांधी एटॉमिक रिसर्च सेंटर कलपक्कम या राजा रमन्ना रिसर्च सेंटर इंदौर में कराने का भी आदेश दिया है. अदालत ने बार्क को सीलबंद जांच रिपोर्ट पीठ के समक्ष भेजने का निर्देश भी दिया.


एनआईए करेगी जांच
झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले में एनआईए को प्रतिवादी बनाने का आदेश देते हुए स्पष्ट किया कि अब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले की जांच एनआईए करेगी. पीठ ने बोकारो के पुलिस अधीक्षक चंदन झा को इस मामले से जुड़ी जमानत याचिका और अन्य दस्तावेज एनआईए को सौंपने के निर्देश दिए हैं. उच्च न्यायालय ने इसकी सूचना राज्य के गृह सचिव, डीजीपी, एनआईए और झारखंड के पुलिस महानिदेशक को भी भेजने का निर्देश दिया है.


गंभीर मामला बताया
पुलिस की ओर से जब्त किए गए संदिग्ध यूरेनियम पदार्थ के मामले में चल रहे मुकदमे की सुनवाई में न्यायाधीश ने कहा कि यूरेनियम जैसे पदार्थ का मिलना काफी गंभीर है. यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा और अति गंभीर मामला है जिसके चलते इसकी व्यापक जांच एनआईए से कराना उचित होगा. सुनवाई के दौरान ‘यूरेनियम कार्पोरेशन आफ इंडिया (यूसीआईएल) ने कहा यूरेनियम जैसा, यूरेनियम नहीं क्योंकि अभी साफ नहीं है कि बरामद पदार्थ यूरेनियम ही है.


पुलिस अधीक्षक तलब 
इससे पहले बोकारो पुलिस के यूरेनियम जैसे पदार्थ को जब्त करने के मामले में निचली अदालत ने छह आरोपियों को जमानत प्रदान कर दी थी. वहीं एक आरोपी कृष्ण कांत राणा की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. जमानत के लिए राणा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. सुनवाई के दौरान पीठ ने इसे गंभीर मामला माना और बोकारो के पुलिस अधीक्षक को अदालत में तलब किया. सुनवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक ने अदालत को बताया कि इस मामले का अनुसंधान जारी है.


उन्होंने बताया कि जब्त किए गए नमूने की जांच जादूगोड़ा स्थित यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) की प्रयोगशाला में से कराई गई है. उन्होंने कहा कि यूसीआईएल ने जांच में जब्त पदार्थ के यूरेनयम नहीं होने की बात कही थी, उसे यूरेनियम जैसा बताया.


गहन जांच हो
पीठ ने पुलिस अधीक्षक से कहा कि यह संगीन और गंभीर मामला है. यूरेनियम काफी संवेदनशील और महत्वपूर्ण पदार्थ है. पीठ ने कहा कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए. इसके बाद अदालत ने एनआईए को प्रतिवादी बनाते हुए उसे मामले को अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया. बार्क और अन्य परमाणु अनुसंधान केन्द्रों की सीलबंद रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. अदालत ने राणा को फिलहाल जमानत देने से इनकार करते हुए जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सुनवाई करने की बात कही. इस मामले में अदालत ने अब अगली सुनवाई 16 दिसंबर को निर्धारित की है.


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