Champai Soren Delhi Visit: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन जेएमएम में बगावत के बाद एक बार फिर दिल्ली दौरे पर हैं. अपने गढ़ में दौरे के बाद सोरेन दिल्ली पहुंचे हैं. यहां उनकी बीजेपी नेताओं से मुलाकात हो सकती है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीजेपी में शामिल होंगे या फिर नया संगठन बनाकर विधानसभा चुनाव में बीजेपी से गठबंधन करेंगे?


चंपाई सोरेन 18 अगस्त को दिल्ली पहुंचे थे. तब माना गया था कि वो बीजेपी नेताओं से मुलाकात करेंगे. हालांकि तमाम अटकलों के बीच उनकी मुलाकात नहीं हुई. अब एक बार फिर वो दिल्ली आए हैं और उनकी मुलाकात को लेकर अटकलें लगाई जा रही है.


दरअसल, दिल्ली से वापस लौटने के बाद चंपाई सोरेन ने कहा था कि वो नया संगठन बनाने पर विचार कर रहे हैं और इस सफर में जो भी साथी मिलेंगे उनका स्वागत है.


चंपाई सोरेन बयानों से मिले संकेत


उन्होंने 24 अगस्त को एक्स पर लिखा, ''वक्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमान, हम अभी से क्यूं बताएं क्या हमारे दिल में है.''


हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री चंपाई सोरेन ने सरायकेला में कहा, ''मुझे आज भी याद है जब झारखंड आंदोलन के समय जंगलों एवं पहाड़ों की खाक छानने के क्रम में मैं अपने बच्चों पर भी ध्यान नहीं दे पाता था. उनके लालन-पालन का पूरा जिम्मा मेरी धर्मपत्नी ने निभाया. अपने शुरुआती दिनों में, टाटा स्टील तथा यूसीआईएल जैसी कंपनियों के ख़िलाफ आंदोलन कर के, हमने हजारों लोगों को परमानेंट नौकरी दिलवाया.''


चंपाई सोरेन ने कहा, ''अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत से लेकर आज तक, हमने सदैव राज्य के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों, किसानों, गरीबों एवं मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है, और जीवन के इस नये अध्याय में भी यह संघर्ष जारी रहेगा.''


क्यों नाराज हैं चंपाई सोरेन?


चंपाई सोरेन दो फरवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे. उन्हें हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल का नेता चुना गया था. हेमंत सोरेन ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा दिया था.


इसके बाद हेमंत सोरेन को 28 जून को हाई कोर्ट से जमानत मिली. फिर उन्हें तीन जुलाई को जेएमएम विधायक दल का नेता चुना गया. ऐसे में चंपाई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा. इसी वजह से चंपाई सोरेन नाराज हैं. हेमंत सोरेन की सरकार में चंपाई मंत्री हैं.


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