CM Champai Soren Government Cabinet Expansion: झारखंड (Jharkhand) में चंपई सोरेन (Champai Soren) सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार 16 फरवरी को होगा. यह तय माना जा रहा है कि नए मंत्रिमंडल में चार से पांच नए चेहरे होंगे. नए मंत्रियों में दो को डिप्टी सीएम का दर्जा मिलेगा. इनमें एक जेएमएम (JMM) और दूसरे कांग्रेस (Congress) कोटे से होंगे. हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से जिन चार चेहरों को जगह मिली थी, उनमें से एक आलमगीर आलम सीएम चंपई सोरेन के साथ विगत दो फरवरी को शपथ ले चुके हैं. 


बाकी तीन चेहरों में से दो को बदले जाने की चर्चा है. इनमें डॉ. रामेश्वर उरांव पूर्व की सरकार में वित्त और योजना सह खाद्य आपूर्ति एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री थे. वे 76 वर्ष के हैं और उन्हें उम्र के तकाजे के आधार पर ड्रॉप किया जा सकता है. हाल में एक कार्यक्रम में उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल की प्रशंसा की थी. सकी खबर झारखंड कांग्रेस का एक खेमा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचा चुका है. 


कांग्रेस के 17 विधायकों में से चार महिलाएं
इसी तरह हेमंत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे बन्ना गुप्ता भी एक महिला से बातचीत को लेकर वायरल वीडियो और विभागीय अनियमितताओं के कुछ मामलों को लेकर विवादों में रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस के सभी मंत्रियों में वह सबसे ज्यादा मुखर रहे हैं. कांग्रेस कोटे के चौथे मंत्री बादल पत्रलेख संथाल परगना इलाके से आते हैं. उनकी जगह दीपिका पांडेय सिंह को मौका मिल सकता है, जोकि संथाल के ही महागामा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं. राज्य में कांग्रेस के 17 विधायकों में से चार महिलाएं हैं. 


कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के नाम पर अंतिम फैसला दिल्ली में
इनमें से किसी एक को हेमंत सोरेन सरकार के वक्त से ही मंत्रिमंडल में जगह देने की मांग उठती रही है. दीपिका पांडेय सिंह को राहुल गांधी कैंप के विश्वस्त युवा नेताओं में गिना जाता रहा है. इस वजह से उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. हालांकि, झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह और बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद ने भी पार्टी नेताओं के समक्ष अपनी दावेदारी रखी है. कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के नाम पर अंतिम फैसला दिल्ली में पार्टी आलाकमान करेगी. गुरुवार तक इसे लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकती है.


जेएमएम में हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन और भाभी सीता सोरेन दोनों की मंत्री पद पर दावेदारी है, लेकिन इनमें से किसी एक को ही जगह मिलने की संभावना है. चर्चा है कि सीता सोरेन को महिला आयोग या फिर किसी अन्य आयोग का अध्यक्ष बनाकर मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है. झारखंड में विधायकों का जो संख्या बल है, उसके हिसाब से मंत्रिमंडल में अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं. हेमंत सोरेन की सरकार में 11 मंत्री ही थे.


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