Jharkhand Political Crisis: झारखंड में 5 फरवरी को होगा फ्लोर टेस्ट, चंपई सोरेन को साबित करना होगा बहुमत
Jharkhand Political News: झारखंड में पांच फरवरी को महागठबंधन के सरकार की असली परीक्षा होगा. चंपई सोरेन को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा. आज उनका शपथ ग्रहण होगा.
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झारखंड में पांच फरवरी को महागठबंधन के सरकार की असली परीक्षा होगा. चंपई सोरेन को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा. आज उनका शपथ ग्रहण होगा. झारखंड के राज्यपाल ने झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के नेता चंपई सोरेन को राज्य का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया है. वह आज दिन 12 बजे शपथ लेंगे. उन्हें गुरुवार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे राजभवन बुलाकर मनोनयन पत्र सौंपा गया. चंपई सोरेन के साथ दो अन्य मंत्रियों के रूप में कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता के शपथ लेने की संभावना है. शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में होगा. राज्यपाल ने नए मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए दस दिनों को समय दिया है.
गौरतलब है कि ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हेमंत सोरेन ने बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे सीएम पद से इस्तीफा दिया था. इसके तुरंत बाद चंपई सोरेन ने 43 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उन्होंने कहा था कि हमें कुल 47 विधायकों का समर्थन हासिल है.
राज्यपाल की ओर से इसपर फैसले में विलंब होने पर गुरुवार को चंपई सोरेन ने शाम साढ़े पांच बजे राज्यपाल से मुलाकात कर एक बार फिर सरकार बनाने का दावा पेश किया और उनसे आग्रह किया कि उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई जाए. इसके बाद देर रात राजभवन की ओर से चंपई सोरन को बुलावा आया और उन्हें सीएम के तौर पर मनोनयन का पत्र सौंपा गया.
चंपई सोरेन हेमंत सोरेन की सरकार में परिवहन मंत्री थे. 68 वर्षीय चंपई कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं. वह हेमंत सोरेन के सबसे विश्वस्त माने जाते रहे हैं. चंपई सोरेन झामुमो के सुप्रीमो शिबू सोरेन के अनन्य सहयोगी रहे हैं. कई मौकों पर सीएम हेमंत सोरेन को इनका पैर छूते हुए भी देखा गया है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि झामुमो में इनकी अहमियत कितनी है.
चंपई सोरेन को लोग झारखंड टाइगर के नाम से भी बुलाते हैं. चंपई ने 1991 में पहली बार सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी. वो जीत इसलिए बड़ी थी, क्योंकि इन्होंने कद्दावर झामुमो सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराया था. बाद में 1995 में झामुमो के टिकट पर जीत हासिल की. लेकिन वर्ष 2000 में बीजेपी के अनंतराम टुडू से चुनाव हार गए थे.
इसके बाद वर्ष 2005 से लगातार सरायकेला से विधायक रहे हैं. 2019 में इन्होंने भाजपा के गणेश महली को हराया था. चंपई सोरेन का जन्म सरायकेला के जिलिंगगोड़ा में 1956 में सेमल सोरेन और माधव सोरेन घर हुआ. अपने तीन भाइयों और एक बहन में ये सबसे बड़े हैं. शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो ये मैट्रिक पास हैं. इनकी शादी मानको सोरेन से हुई है और इनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं.
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