Champai Soren News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने आज चुप्पी तोड़ी. चंपाई सोरेन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर विश्वास है. हमने बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया है. हमने नया अध्याय शुरू किया है.


चंपाई सोरेन ने कहा, ''हमने सोचा था कि संन्यास लेंगे, लेकिन जनता की मांग के कारण राजनीति में हूं. अपना संगठन बनाने में समय लगता है. हमने अपनी बात पहले बता दी थी.''


चंपाई सोरेन का बीजेपी में शामिल होना सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. वहीं बीजेपी चंपाई सोरेन को बड़े आदिवासी नेता के तौर पर पार्टी में शामिल करवाने के लिए उत्साहित है.


क्या बोले हिमंत बिस्वा सरमा?


चंपाई सोरेन ने करीब एक महीने से जारी अटकलों को विराम लगाते हुए सोमवार (26 अगस्त) को केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के नेता अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान झारखंड बीजेपी के सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद रहे.


सरमा ने मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए कहा, ''हमारे देश के दिग्गज आदिवासी नेता चंपाई सोरेन ने कुछ समय पहले माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात की. वह 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल होंगे.''


बता दें कि बीजेपी की नजर झारखंड में आदिवासी वोटरों पर है. यहां पार्टी अपने कैंपेन में लगातार पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने का भी जिक्र कर रही है. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं.


आदिवासी वोटर्स पर बीजेपी की नजर


झारखंड में 2011 की जनगणना के मुताबिक, 3 करोड़ 29 लाख 88 हजार 134 की आबादी है. इनमें जनजातियों (ST) की भागीदारी 86 लाख 45 हजार 42 है. झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर चंपाई सोरेन कोल्हान रीजन से आते हैं. इस रीजन में सरायकेला, पूर्वी सिंहभूम और पश्चिमी सिंहभूम जैसे जिले शामिल हैं. यहां विधानसभा की 14 सीटें हैं.


झारखंड में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगा था. बीजेपी ने 14 लोकसभा सीटों में से आठ पर जीत हासिल की, लेकिन अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए आरक्षित पांच सीटों में से एक भी पार्टी नहीं जीत पाई. बीजेपी को को खूंटी, लोहरदगा, चाईबासा, राजमहल और दुमका लोकसभा सीटों पर हार मिली. अब इसी हार के बाद अब बीजेपी जीत के लिए रणनीति बना रही है.


चंपाई सोरेन जेएमएम नेता हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद 2 फरवरी को मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि हेमंत सोरेन की जेल से रिहाई के बाद उन्हें चंपाई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा. हेमंत सोरेन फिर सीएम बने. इसी फेरबदल से चंपाई सोरेन नाराज हैं. वहीं हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को जेएमएम और कांग्रेस गठबंधन ने बड़ा मुद्दा बनाया है. पार्टी का कहना है कि बीजेपी को आदिवासी नेता मंजूर नहीं है.


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