Chhath Puja 2021 in Jharkhand: झारखंड (Jharkhand) मे छठ महापर्व (Chhath Mahaparv) को लेकर उत्साह चरम पर नजर आने लगा है. चारों तरफ छठ गीत सुनाई दे रहे हैं. 4 दिवसीय छठ महापर्व के दूसरे दिन मंगलवार को व्रतियों ने सूर्यास्त के बाद खरना (Kharna) पूजा की. इसके बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया है. बुधवार की संध्या में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा, जिसके बाद गुरुवार की सुबह अर्घ्य समर्पित करने के बाद व्रती पारण करेंगी.
महिलाओं ने खरना कर की पूजा
छठ महापर्व को लेकर झारखंड (Jharkhand) में बड़ी संख्या में लोग कृत्रिम घाट का निर्माण कर छठ की तैयारी को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. इस दौरान मंगलवार को शुद्धता और साफ-सफाई का खास ख्याल रखते हुए शाम को व्रती महिलाओं ने खरना कर पूजा-अर्चना किया. बुधवार शाम को लोक आस्था के पर्व का पहला अर्घ्य समर्पित होगा. गुरुवार की सुबह अर्घ्य के पश्चात व्रती पारण करेंगी.
तय की गई हैं कोविड गाइडलाइन्स
झारखंड में श्रद्धालुओं और व्रतियों को लेकर कोविड (Coronavirus) के मद्देनजर कुछ जरूरी गाइडलाइन्स भी तय की गई हैं और इनका पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है. राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों के उपायुक्तों से इन गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित कराने को कहा है. सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.
दुकान और स्टॉल लगाने की इजाजत नहीं
गाइडलाइन्स के अनुसार छठ घाटों और पूजा स्थलों पर इस बार किसी भी तरह की दुकान और स्टॉल लगाने की इजाजत नहीं दी गई है. पूजा स्थलों पर आतिशबाजी भी प्रतिबंधित की गई है. हालांकि, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सार्वजनिक पूजा स्थलों, रास्तों और छठ घाटों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर छठ के दूसरे अर्ध्य के दिन सुबह छह से आठ बजे तक पटाखे चलाने की अनुमति दी है. छठ घाट पर पहुंचने वाले सभी लोगों से सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करने को कहा गया है. घाटों पर मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. पानी के अंदर थूकने या कुल्ला करने की सख्त मनाही की गई है.
80 से ज्यादा कैदी कर रहे हैं छठ व्रत
गौरतलब है कि, झारखंड (Jharkhand) में जेलों (Jail) की चारदीवारी के भीतर भी छठ (Chhath) के गीत गूंज रहे हैं. राज्य की अलग-अलग जेलों में इस वर्ष 80 से ज्यादा कैदी छठ व्रत कर रहे हैं. जेलों में प्रशासन ने इन सभी के लिए फल-फूल, प्रसाद, सूप-दौरी, नए वस्त्र और पूजन सामग्री का इंतजाम किया है. सूर्य देवता को अर्घ्य देने के लिए जेलों के अंदर ही अस्थायी तालाब या कृत्रिम जलाशय बनवाए गए हैं. छठ पर तीन दिनों का निर्जला उपवास करने वाले बंदियों में एक दर्जन ऐसे हैं, जो हत्या जैसे अपराधों के लिए सजा काट रहे हैं.
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