Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने केंद्र सरकार (Central Government) पर झारखंड के हक का पैसा दबाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि झारखंड की जमीन से निकलने वाले कोयले का 1 लाख 36 हजार करोड़ केंद्र सरकार के पास बकाया है. जब बकाया राशि मांगी गई तो वे टालमटोल करते हैं. जिन्होंने 20 साल तक इस राज्य में शासन किया, उन्होंने कभी इस राशि को केंद्र से नहीं मांगा. यह पैसा झारखंड वासियों का है. ये गरीबों के आवास का, सुखाड़ का, आपदा का पैसा भी नहीं दे रहे हैं.


सोरेन शुक्रवार को पलामू में “आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार” अभियान के तहत आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पूर्व की डबल इंजन की सरकार में लोगों को हक-अधिकार नहीं मिल पाता था. कभी कोई पदाधिकारी गांव-पंचायत नहीं जाता था. किसी भी वर्ग के लिए काम नहीं होता था. लोगों को हमारी सरकार से कई आशाएं हैं. उसी की पूर्ति हेतु मैं काम कर रहा हूं. अपने हक-अधिकार के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है. उसके लिए कभी-कभी लंबे आंदोलन भी करने पड़ते हैं. इसके लिए एकजुट होना पड़ता है. अपनी इस लड़ाई को मिलकर हम लड़ेंगे और अधिकार लेकर रहेंगे.


हेमंत सोरेन ने और क्या कहा?


राज्य के विपक्ष के नेताओं पर निशाना साधते हुए सोरेन ने कहा कि ये लोग राज्य भर में सरकार की ओर से लगने वाले शिविरों में नहीं जा रहे हैं. इन शिविरों में आने के लिए उन्हें निमंत्रण भी दिया गया था, तब भी वे नदारद हैं. क्या ये गरीब-गुरबा को मदद नहीं पहुंचा सकते? अगर ऐसा है, तो विपक्ष के साथ न आदिवासी है, न गरीब है, न दलित है, न पिछड़ा है, न किसान, न मजदूर, न युवा, और न महिला है. उनके साथ सिर्फ पूंजीपतियों का जमावड़ा है. उन्होंने अपनी सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि हम इस युवा राज्य को सशक्त बनाने की ओर बढ़ रहे हैं. सभी वर्ग के लिए हम काम करते हैं. सभी से हमारा सरोकार है. लोगों के सुख-दुःख में सरकार हमेशा खड़ी रही है. आप सभी से अपील है शिविर के जरिए योजनाओं का लाभ अवश्य लें.


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