Jharkhand Longest Bridge: दुमका में झारखंड के सबसे लंबे पुल का CM हेमंत ने किया उद्घाटन, शिबू सोरेन सेतु रखा गया नाम
Shibu Soren Setu: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के इस सबसे लंबे ब्रिज का नाम शिबू सोरेन सेतु रखा जाएगा. यह फैसला जनभावनाओं को देखकर लिया गया है. शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के जननायक रहे हैं.
Jharkhand News: झारखंड के दुमका (Dumka) में मयूराक्षी नदी (Mayurakshi River) पर बने राज्य के सबसे लंबे पुल का नाम अब दिशोम गुरु शिबू सोरेन (Shibu Soren) के नाम से होगा. यह घोषणा दुमका में पुल के विधिवत उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने लोगो को संबोधित करते हुए की. उन्होंने कहा कि झारखंड में आंदोलनकारी लोगों के सम्मान में यह नाम रखा जाएगा. लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से बना यह 2.34 किलोमीटर का पुल एक दर्जन गांवों को ही नहीं जोड़ता बल्कि झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने के लिए अहम पुल माना जा रहा है. लेकिन, पिछली बीजेपी की रघुवर दास (Raghubar Das) सरकार ने निर्माणाधीन इस पुल का नाम सेल्फी ब्रिज रखा था. वहीं वर्तमान सरकार ने इस पुल का नाम शिबू सोरेन के नाम से करने की अनुशंसा की है.
झारखंड की उपराजधानी दुमका में कुमड़ाबाद और मकरमपुर के बीच 2.34 किलोमीटर का बना राज्य का सबसे लंबा पुल का विधिवत उद्घाटन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फीता काटकर किया. पुल के उद्घाटन के बाद सीएम सोरेन ने मकरमपूर फूटबाल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की ओर से पुल का नाम शिबू सोरेन सेतु रखने आग्रह पर ये घोषणा की. साथ ही सीएम ने इसका नाम शिबू सोरेन के नाम पर रखने और जल्द शिलापट्ट में नाम अंकित करने की घोषणा की.
बीजेपी सरकार में हुआ था शिलान्यास
बता दें कि यह पुल बीजेपी के तत्कालीन सीएम रघुवर दास के शासन काल में शिलान्यास होकर पुल निर्माणाधीन था. बीजेपी सरकार जाने के बाद यह पुल हेमंत सरकार के कार्यकाल में पूर्ण हो गया. इस पुल के बनने से करीब एक दर्जन गांव का राह आसान हो गया. दरअसल नदी में पुल के अभाव में ग्रामीणों को 25 किमी घूमकर जाना पड़ता था. यह पुल रोजगार के दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस पुल के बन जाने से पश्चिम बंगाल की दूरी बहुत ही कम हो गई है.
वहीं प्राकृतिक लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है. दोनों किनारे पहाड़ी और बीच नदी में बने इस पुल के सौंदर्य को चार चाद लगा देता है. यहां शहर सहित अन्य गांव के लोग घूमने पहुंच रहे हैं. पुल के बीच में सेल्फी लेने के लिए 'आई लव दुमका' का कॉटआउट लगाया गया है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं और तस्वीरों में कैद कर यादों को संजो रहे हैं.
'सरकार आंदोलनकरियों का करती है सम्मान'
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर 143.26 करोड़ की लागत से बने दस सड़कों का भी उद्घाटन किया. 143.26 करोड़ की लागत से 12 सड़कों के उन्नयन और सुदृढीकरण का शिलान्यास किया. इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड के इस सबसे लंबे ब्रिज का नाम दिशोम गुरु शिबू सोरेन सेतु रखा जाएगा. यह फैसला जन भावनाओं को देखकर लिया गया है. शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के जननायक रहे हैं.
सीएम सोरेन ने कहा कि सरकार आंदोलनकरियों का सम्मान करती है. सरकार कागजी कार्रवाई कर ब्रिज पर शिबू सोरेन का शिलापट लगाने का काम करेगी. कार्यक्रम में मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक नलिन सोरेन, विधायक सीता सोरेन, सांसद विजय हांसदा मौजूद थे. लेकिन, दुमका विधानसभा क्षेत्र के विधायक बसंत सोरेन कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थे, जबकि यह उद्घाटन समारोह उनके विधानसभा क्षेत्र में हो रहा था.
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