NehaTirkey On Jharkhand Demography: झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वहां की राजनीति में डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी बदलाव) सियासी मुद्दा बनता जा रहा है. इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी के नेता आमने सामने आ गए हैं. इस बीच कांग्रेस विधायक शिल्पी टिर्की ने दावा किया है कि गैर कानूनी तरीके से रांची में बिहार के लोग बस गए हैं. प्रवासी बिहारियों की वजह से झारखंड, खासकर रांची में डेमोग्राफी चेज बदल गया है. कांग्रेस विधायक नेहा के पिता बंधु टिर्की ने भी इस मुद्दे को उठाया था. 


इसके जवाब में बीजेपी ने संथाल परगना में बांग्लादेशी प्रवासियों का मुद्दा उछाल दिया है. बता दें कि कांग्रेस के दावों के उलट बीजेपी पर गैर कानूनी तरीके से झारखंड में बसे प्रवासी बिहारियों का पक्ष लेने का आरोप लगता रहा है.


प्रवासी बिहारी बन रहे मुखिया - नेहा टिर्की


कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा टिर्की झारखंड विधानसभा में इस मसले को उठाते हुए दावा किया है कि 1985 में ​रेजिडेंट पॉलिसी लाकर बिहारियों को निवासी बना दिया. इतना ही नहीं, साल 1985 को कट आफ ईयर भी घोषित कर दिया. उन्होंने कहा कि हालात यह है कि आदिवासी और मूल निवासी रांची के स्लम में रहने को मजबूर हैं. जबकि प्रवासी बिहारी वहां मुखिया बन रहे हैं. 


बंधु ने बीजेपी की नीयत पर उठाए सवाल 


झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और नेहा शिल्पी के पिता बंधु टिर्की ने इस मसले पर शनिवार को कहा था कि गोड्डा से सांसद और बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने संसद में कहा था कि संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी में 10 प्रतिशत कमी आई है, लेकिन बीजेपी छोटानागपुर संभाग में डेमोग्राफिक बदलाव पर चुप क्यों है? 


बीजेपी सांसद ने क्यों की यूटी बनाने की मांग?


उन्होंने कहा कि सांसद निशिकांत दुबे ने डेमोग्राफी चेंज पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए लोकसभा में कहा था कि आदिवासी भूमि पर डेमोग्राफिक बदलाव को देखते हुए संथाल परगना के बिहार और पश्चिमम बंगाल के हिस्से को शामिल कर उसे अलग से केंद्रशासित प्रदेश बना देना चाहिए. 


बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया तुष्टीकरण का आरोप


कांग्रेस के इस बयान पर पलटवार करते हुए झारखंड बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि संथाल परगना में दूसरे से देशों से आकर गैर कानूनी तरीके से यहां बस गए हैं, जबकि रांची में बिहारी के लोग नियमों के मुताबिक हमेशा से रहते आये हैं. कांग्रेस बिहारी आबादी का मुद्दा उठाकर इस मामले पर तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है. 


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