Jharakhand News: कांग्रेस ने शुक्रवार को झारखंड (Jharkhand) के तीन विधायकों का निलंबन समाप्त कर दिया है जो पिछले साल पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हावड़ा में कथित रूप से भारी संख्या में नकदी के साथ पकड़े गए थे. निलंबित विधायकों में इरफान अंसारी (Irfan Ansari), राजेश कच्छप (Rajesh Kachhap) और नमन बिक्सल (Naman Bixal) का नाम शामिल है. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) और राज्य के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर ने इस बारे में जानकारी दी. 


बता दें कि इन तीनों विधायकों को 30 जुलाई को पश्चिम बंगाल पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया था, जब वे लगभग 48 लाख रुपये नकद के साथ हावड़ा के रानीहाटी में नेशनल हाइवे 16 पर यात्रा कर रहे थे. बता दें कि इसके बाद विधायक अनूप सिंह ने सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिराने की साजिश के आरोप में तीनों विधायकों के खिलाफ अरगोड़ा थाने में केस दर्ज कराया था. कांग्रेस ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन किया था. बाद में तीनों विधायकों को कलकत्ता हाई कोर्ट से जमानत मिल गई. 


प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर क्या बोले?
उधर, तीनों के निलंबन वापसी को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से बात की. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में राजेश ठाकुर ने कहा, ''हमने तीन विधायकों इरफान अंसारी, नमन बिक्सल और राजेश कच्छप के निलंबन का मुद्दा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सामने उठाया था. उन्होंने तीनों के निलंबन को वापस लिए जाने पर सहमति जताई थी. पार्टी के झारखंड प्रभारी के अविनाश पांडे ने निलंबन हटाने को लेकर निर्देश दिए और आज इसे लागू कर दिया गया.''


निष्कासन नहीं निलंबन था- राजेश ठाकुर
वहीं, तीनों विधायकों ने कहा है कि गलतफहमी की वजह से उन्हें दूर रखा गया और उन्हें इस बात की पीड़ा है. जब राजेश ठाकुर से यह पूछा गया कि क्या उनके निलंबन में पार्टी से गलती हुई है इस पर उन्होंने  कहा, ''ऐसे कई लोग हैं जो 14-14 साल की पीड़ा के बाद वापस आए हैं जैसे कि बाबूलाल मरांडी. तो पार्टी की गलती थी कि बाबूलाल मरांडी जी की गलती थी. यह सालभर का मामला है. यह निष्कासन नहीं बल्कि निलंबन था.''


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