Jharkhand News: धनबाद के कांग्रेसी कार्यकर्ता इन दिनों वर्षों से बंद पड़े ऑफिस को खुलवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. बंद पड़े कांग्रेस ऑफिस के बाहर कांग्रेसी सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं. सत्याग्रह धरने पर बैठे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में अपने ही मंत्रियों के खिलाफ इस कदर उबाल है कि वे कांग्रेसी कोटे के मंत्रियों के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे हैं. कांग्रेस कार्यकर्ता जल्द से जल्द मुख्यमंत्री से बात कर ऑफिस खुलवाने कि मांग कर रहे हैं.


कोर्ट में आदेश पर बंद हुआ था कांग्रेस भवन 


वर्ष 2011 में झारखंड के तत्कालीन बीजेपी सरकार के समय पूरे राज्य भर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था. उस वक्त सूबे में अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री हुआ करते थे. इसी बीच धनबाद जिला परिषद ने कोर्ट में यह दलील दी थी कि धनबाद स्थित कांग्रेस भवन जिला परिषद की जमीन पर बनी है और अवैध तरीके से इसका अतिक्रमण किया गया है. इसके बाद कोर्ट ने कांग्रेस भवन सहित अन्य कई इमारतों को भी सील करने का आदेश दिया था. साथ ही लोगों को अपना-अपना दावा पेश करने को कहा गया था, लेकिन कांग्रेस पार्टी की ओर से ऑफिस को लेकर कोई सबूत कोर्ट में पेश नहीं किया गया. इस वजह से अब तक 12 वर्ष बीत जाने के बावजूद कांग्रेस भवन खोला नहीं जा सका.


सत्याग्रह कर ऑफिस खुलावाने की मांग


कांग्रेसी कार्यकर्ता लगातार अपने वरिष्ठ नेताओं से बंद पड़े कांग्रेस ऑफिस को खुलवाने की मांग करते आ रहे हैं. झारखंड में जेएमएम कांग्रेस की सरकार बनी, तब यह उम्मीद जगी कि जल्द ही धनबाद कांग्रेस ऑफिस खुल जाएगा. हालांकि सरकार के तीन वर्ष से अधिक समय सत्ता में रहने के बावजूद आज तक कांग्रेस ऑफिस नहीं खुल सका, जिससे धनबाद के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में गुस्सा है. अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य पर कांग्रेसी कार्यकर्ता बंद कांग्रेसी दफ्तर के बाहर जुटे और भीमराव अंबेडकर के तस्वीर पर माल्यार्पण कर सत्याग्रह पर बैठ गए.


इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपने ही पार्टी और सरकार के मंत्रियों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. इनका कहना है कि तत्कालीन बीजेपी सरकार ने साजिश के तहत उनका ऑफिस बंद करवाया है. कांग्रेस कर्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक यह ऑफिस नहीं खुल जाता तब तक ऑफिस के बाहर बने सेड में ही अपना दफ्तर चलाएंगे.


क्या कहा था मंत्री बन्ना गुप्ता ने


दो दिन पहले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी धनबाद पहुंचे थे तब कांग्रेस कोटे के मंत्री बन्ना गुप्ता भी धनबाद में थे. उनसे जब बंद पड़े कांग्रेस ऑफिस को खुलवाने पर बात की गई तो उन्होंने साफ शब्दों में बयान जारी कर दिया कि वे संवैधानिक पद पर हैं और संविधान के अनुसार ही कोई काम करेंगे. उनके चाहने से कोई ऑफिस नहीं खुल जाता है. इस मुद्दे पर वे सीएम के समक्ष बात रखेंगे और विधि संवत ही कोई कार्य किया जाएगा.


सत्याग्रह पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ झारखंड के पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक, प्रदेश महासचिव रविन्द्र वर्मा और धनबाद जिला अध्यक्ष संतोष सिंह कार्यकर्ताओं का हौसला अफजाई करते दिखे. हालांकि जिस तरह से अपने ही पार्टी से मंत्री के विरुद्ध नारेबाजी की गई, उससे साफ है कि झारखंड कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है.


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