Jharkhand Politics: झारखंड कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को धनबाद सर्किट हाउस के बंद कमरे में डीसी-डीडीसी के साथ बैठक की. इस दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता और आलमगीर आलम ने काह कि, धनबाद की विधि-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है. आम जनता भय के वातावरण में जी रही है. विधि-व्यवस्था की स्थिति में सुधार की जरूरत है ताकि जनता का विश्वास प्रशासन के प्रति बढ़े. इस बैठक में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष संतोष सिंह, राज्य सरकार के पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक और कार्यकार जिलाध्यक्ष राशिद रजा अंसारी थे.


बैठक में शामिल कांग्रेसियों ने बताया कि धनबाद की विधि-व्यवस्था की स्थिति पर बैठक में चिंता जताई गई. दोनों मंत्रियों ने डीसी वरुण रंजन से कहा कि धनबाद की विधि-व्यवस्था दुरुस्त करें. आए दिन गोली चलाने और हत्या की घटना से जनता भय के वातावरण में जी रही है. कारोबारियों से रंगदारी मांगे जाने और इनकार करने पर गोली चलाने का मामला भी बैठक में उठा. मंत्रियों ने कहा कि धनबाद औद्योगिक शहर है. यहां आम जनता के साथ-साथ कारोबारियों की सुरक्षा की जिम्मेवारी भी प्रशासन की है.बैठक में मंत्रियों ने जिले में चल रही विकास योजनाओं की जानकारी ली. साथ ही योजनाओं को समय पर पूरा करने का निर्देश भी दिया गया. 


विकास योजनाओं की भी हुई समीक्षा


मंत्रियों ने कहा कि तय समय पर योजनाओं के पूरा नहीं होने से जनता में रोष बढ़ता है और योजनाओं की लागत भी बढ़ जाती है. कांग्रेस भवन (जिला कांग्रेस कार्यालय) को फिर से खोलने के उपाय पर भी चर्चा की गई. डीसी को बताया गया कि कांग्रेस भवन को कोर्ट के आदेश का हवाला देकर करीब 12 साल पहले सील कर दिया गया था. जिला कांग्रेस की ओर से इसे फिर से खोलने की मांग लगातार की जा रही है. जानकारी के अनुसार बैठक में पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक ने कहा कि, जिला कांग्रेस की ओर से आवेदन भी दिया गया है. इसमें कांग्रेस भवन को लीज पर देने का अनुरोध किया गया है. इस पर कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार को भेजने का अनुरोध किया गया.






बीजेपी ने सीएम सोरेन पर साधा निशाना


वहीं कांग्रेस की इस बैठक पर बीजेपी निशाना साधा है. बता दें कि, बीजेपी झारखंड मीडिया सह प्रभारी योगेंद्र प्रताप अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा कि, 'झारखंड सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस भी मान रही है कि धनबाद में विधि व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. जनता भय के बीच जीवन यापन कर रही है. यह तो झारखंड कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता और आलमगीर आलम ने आधा सच भी नहीं कहा है, जमीनी हकीकत काफी भयावह है. इसका प्रमाण कोयलांचल में बेखौफ हो चुके अपराधियों ने मंत्री बन्ना गुप्ता का काफिला गुजरते ही फायरिंग करके दे दिया है. हेमंत सोरेन जी, भाजपा की बातों को तो आप राजनीतिक बयान के चश्मे से देखेंगे लेकिन अपने मंत्रियों की बातों को ही सही गंभीरता से लेते हुए राज्य की भयावहता को स्वीकारते हुए लॉ एंड आर्डर दुरुस्त कीजिए.



No Confidence Motion: अविश्वास प्रस्ताव पर निशिकांत दुबे ने पूछा- राहुल गांधी क्यों नहीं बोले? लगता है आज तैयार होकर नहीं आए