Jharkhand: ओमिक्रॉन का खतरा, सीएम सोरेन ने हर स्तर पर अधिकारियों को सतर्क रहने का दिया निर्देश
Jharkhand News: झारखंड में कोरोना संक्रमण की स्थिति और नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव को लेकर बड़ी बैठक हुई. सरकार ने राज्य में हर स्तर पर अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है.
Jharkhand Coronavirus New Variant Omicron: कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने राज्य में हर स्तर पर अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही पूरे राज्य में 20 जनवरी तक शत प्रतिशत टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की अध्यक्षता में कोविड-19 के ओमिक्रॉन से निपटने के लिए बैठक हुई, जिसमें राज्य में 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों का शत प्रतिशत टीकाकरण का कार्य 20 जनवरी 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी कोविड टीकाकरण (Corona Vaccination) कार्य में हर हाल में तेजी लाने का प्रयास करें. उन्होंने राज्य के हर पंचायत मुख्यालय में स्थायी टीकाकरण केन्द्र स्थापित करने का भी निर्देश दिया.
नए वेरिएंट ने बढ़ा दी है सरकार की चिंता
गौरतलब है कि, कोरोना वायरस (Coronavirus) के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने झारखंड सरकार की चिंता बढ़ा दी है. ये चिंता इसलिए भी है क्योंकि झारखंड में कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट की टेस्टिंग की कोई सुविधा नहीं है. इस बीच कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के प्रसार की आशंकाओं को देखते हुए झारखंड में विदेश यात्राओं से लौटे लोगों पर खास निगाह रखी जा रही है. अगर इनमें से कोई कोविड पॉजिटिव (Covid Positive) पाया जाता है, तो उन्हें हॉस्पिटल (Hospital) में बनाए गए विशेष आइसोलेशन वार्ड (Isolation Ward) में रखा जाएगा. जो लोग कोविड निगेटिव पाए जाते हैं, उनके लिए भी 7 दिनों तक क्वारंटाइन रहना और 8वें दिन कोविड टेस्ट कराना अनिवार्य किया गया है. सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को इन नियमों का अनुपालन सुनिश्चत करने को कहा गया है.
रांची के सदर हॉस्पिटल में 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार
विदेश से लौटे कोविड पॉजिटिव मरीजों के लिए रांची के सदर हॉस्पिटल में 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है. इधर राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में ट्रॉमा सेंटर को फिर से 100 वार्ड के स्पेशल कोविड वार्ड में तब्दील कर दिया गया है. हालांकि, झारखंड में कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की पहचान की व्यवस्था नहीं है. राज्य के 2 मेडिकल कॉलेज रिम्स और एमजीएम में जीनोमो सिक्वेंसिंग के लिए मशीन की खरीदारी के प्रस्ताव को 8 माह पहले ही स्वीकृत करा लिया गया था, लेकिन ये मशीनें अब तक नहीं खरीदी जा सकी हैं.
टीकाकरण की धीमी रफ्तार
झारखंड में कोविड टीकाकरण की धीमी रफ्तार की वजह से भी चिंता बढ़ी है. इस बीच झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट (High Court) के निर्देशे के अनुसार राज्य में कोविड-19 से मरने वालों के परिजनों को 50-50 रुपये की सहायता राशि देने का फैसला लिया है. राज्य में संक्रमण से अभी तक 5,141 लोगों की मौत हुई है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने जागरूक तबके के लोगों से अपील की भी थी कि उनकी जानकारी में जिन लोगों ने कोविड का टीका नहीं लिया है, उन्हें प्रेरित कर टीकाकरण कराएं.
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