Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के द्वारा अपराध नियंत्रण पर पुलिस अधिकारियों को दिये कड़े निर्देश के बाबजूद अपराधी बेखौफ दिख रहे हैं. बता दें कि, नगड़ी थाना क्षेत्र के दलादली चौक के नजदीक ही सीपीआई कार्यालय में घुसकर आदिवासी नेता सुभाष मुंडा को गोली मार दी गई. इसके बाद उन्हें आनन फानन में एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने दलादली चौक को जाम कर दिया. इसके बाद उग्र भीड़ उत्पात मचाने लगी.
लाठी-डंडे से लैस भीड़ ने रिंग रोड से गुजर रहे दो दर्जन से ज्यादा ट्रक, 2 व 3 पहिया वाहनों के शीशे को न सिर्फ क्षतिग्रस्त किया, बल्कि उनके चालकों के साथ भी जमकर मारपीट की. भीड़ में शामिल ग्रामीण इतना आक्रोशित थे कि दलादली चौक के समीप शराब दुकान में घुसकर उसे आग के हवाले कर दिया. वहीं दलादली चौक के आसपास दर्जनों झुग्गी-झोपड़ी में को भी नहीं बक्शा, उसमें भी आग लगा दी. भीड़ में महिला, पुरुष और बच्चे भी शामिल थे. देर रात तक उग्र भीड़ सड़क पर जमी रही हैं.
कई पुलिसकर्मी हुए घायल
घटना की जानकारी मिलने के बाद कई थानों की पुलिस के साथ रांची सिटी एसपी शुभांशु जैन दलादली चौक पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की. इसपर वहां मौजूद भीड़ उनसे धक्का-मुक्की करने लगी और उनकी लाठी डंडों से पिटाई कर दी. साथ ही अन्य पुलिस कर्मियों को भी भीड़ ने नहीं बक्शा. सिटी एसपी समेत अन्य पुलिसकर्मी पर पथराव भी किया, जिससे कई पुलिसकर्मियों को चोट आई. पुलिस की गाड़ियों का शीशा तोड़ दिया गया. वहीं कुछ घंटों के बाद जब भीड़ शांत हुई तो आदिवासी नेता देव कुमार धान ने पुलिस से कहा कि, अगर 12 घंटो के अंदर अपराधी नहीं पकड़े गए तो स्थिति और भयावह हो सकती है.
नकाबपोश अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम
उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री भले ही जल जंगल की बात करते हैं मगर उनसे अच्छी तो रघुवर दास की सरकार थी. उन्होंने साफ कहा कि, गुरुवार को रांची बंद का आह्वान किया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बुधवार की रात पौने आठ बजे माकपा नेता सुभाष मुंडा अपने छोटे भाई अमित मुंडा और चार कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी कार्यालय में बैठे हुए थे. इसी दौरान दो बाइक पर सवार चार अपराधी उनके कार्यालय के पास पहुंचे. इसमें से मुंह में गमछा लपेटे हुए दो अपराधी उनके कार्यालय में घुसे और ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे. दोनों अपराधियों के हाथ में पिस्टल थी. उसी पिस्टल से करीब 10 राउंड फायरिंग की गई.
इस घटना में सात से आठ गोली सुभाष मुंडा को लगी. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों अपराधी तेजी से बाहर निकले और दो बाइक पर सवार होकर चारो अपराधी मौके से भाग निकले. घटना के बाद अमित मुंडा अपराधियों को पकड़ने के लिए कुछ दूर तक दौड़ा, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. घायल अवस्था में पड़े सुभाष को आनन-फानन में कटहल मोड़ स्थित रिंची अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के बाद मौजूद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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