(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Dhanbad Judge Murder Case: जज उत्तम आनंद की हत्या के दोषी जीवनभर रहेंगे जेल में, सजा के बाद परिवार ने की ये मांग
Dhanbad News: जज के रिश्तेदार CBI कोर्ट द्वारा दोषियों को उम्रकैद दिए जाने से संतुष्ट नहीं हैं. वे फांसी की सजा देने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अपील करने की बात कह रहे हैं.
Dhanbad Judge Uttam Anand Case: झारखंड में धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम उत्तम आनंद की हत्या मामले में शनिवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हत्या के दोषी ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही दोनों पर 25-25 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है. इधर जज उत्तम आनंद के रिश्तेदार और बहनोई विशाल आनंद ने कहा कि कोर्ट का आदेश सर्वोपरि है लेकिन सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषियों को उम्रकैद दिए जाने से वे संतुष्ट नहीं हैं. वे इस आदेश के खिलाफ दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अपील करने की बात कह रहे हैं. परिजनों का कहना है कि परिवार के जिस सदस्य की जान चली गई वह लौटकर नहीं आएगा इसलिए आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए.
28 जुलाई 2021 को हुई थी हत्या
28 जुलाई 2021 को धनबाद में तब सनसनी फैल गई थी जब जिला सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मॉर्निंग वॉक के दौरान ऑटो से टक्कर मारकर हत्या कर दी गई थी. जज उत्तम आनंद को सुबह 5 बजकर 8 मिनट पर मॉर्निंग वॉक के दौरान ऑटो से टक्कर मारी गई थी. इस मामले में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया था.
सीबीआई कर रही थी जांच
राज्य सरकार ने एसआईटी टीम गठित कर हत्या के मामले में जांच आदेश दिए थे लेकिन तबतक झारखंड हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद 4 अगस्त 2021 को यह केस सीबीआई को ट्रासंफर कर दिया गया. सीबीआई की विशेष टीम धनबाद पहुंची और मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए.
जानबूझकर मारी गई थी टक्कर-सीबीआई
इस दौरान दोनों आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा का नार्को टेस्ट और लाई डिटेक्टिग टेस्ट भी करवाया गया. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में स्पीडी ट्रायल चलाकर कुल 169 गवाहों से पूछताछ की जिसमें 58 गवाहों का बयान दर्ज किया गया. सीबीआई का दावा है कि जज उत्तम आनंद को जानबूझकर टक्कर मारी गई थी जिससे उनकी मौत हुई. सीबीआई का दावा है कि जज उत्तम आनंद कि हत्या की साजिश रची गई थी और इसीलिए ऑटो और मोबाइल की चोरी कर घटना को अंजाम दिया गया था. 20 अक्टूबर 2021 को सीबीआई ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए चार्टशीट दाखिल किया था. सीबीआई ने दोनों आरोपियों के खिलाफ ऑटो और मोबाइल चोरी का भी अलग से एफआईआर दर्ज किया था.