झारखंड स्टेट मेडिकल काउंसिल की इजाजत के बिना राज्य में प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे डॉक्टर, जानें- खास बात
Jharkhand News: झारखंड में फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों के कारोबार पर अंकुश लगेगा. झारखंड काउंसिल ऑफ मेडिकल में रजिस्ट्रेशन के बिना राज्य में कोई भी डॉक्टर अब प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे.
Jharkhand State Medical Council: झारखंड काउंसिल ऑफ मेडिकल में रजिस्ट्रेशन के बिना राज्य में कोई भी डॉक्टर (Doctor) अब प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे. बाहर के राज्यों से मेडिकल की पढ़ाई करके आने वाले डॉक्टरों के लिए भी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने बुधवार को रांची सदर हॉस्पिटल (Ranchi Sadar Hospital) कैंपस में झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद के भवन और वेबसाइट का उद्घाटन करने के बाद यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इससे राज्य में फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों के कारोबार पर अंकुश लगेगा.
रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा
इसे लेकर द झारखंड काउंसिल ऑफ मेडिकल की ओर से निर्देश जारी कर दिया गया है. काउंसिल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, झारखंड राज्य में प्रैक्टिस करने वाले या अन्य राज्य से संबंधित मेडिकल काउंसिल से निबंधित चिकित्सकों को भी, जो झारखंड में प्रैक्टिस करेंगे, उन्हें अब झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.
मिल रही थी शिकायतें
काउंसिल के डॉ बिमलेश सिंह ने बताया कि अब तक ऐसे मैकेनिज्म का अभाव था, जिससे ये पता चल सके कि डॉक्टर ने कहां से डिग्री ली है और उसे मेडिकल प्रैक्टिस की इजाजत है या नहीं. बगैर मान्यता वाले संस्थानों से डिग्री या सर्टिफिकेट लेकर डॉक्टर को बोर्ड लगाकर प्रैक्टिस की शिकायतें बड़े पैमाने पर मिल रही थीं. अब नई व्यवस्था के तहत इस पर अंकुश लग सकेगा. उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य में 6958 डॉक्टरों ने काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराया है. सभी चिकित्सकों से काउंसिल में रजिस्ट्रेशन जल्द कराने का आग्रह किया गया है.
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