Jharkhand Academic Council: झारखंड (Jharkhand) में मैट्रिक और इंटरमीडिएट के पहले टर्म की परीक्षा को लेकर संशय बना हुआ है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) में अध्यक्ष का पद खाली रहने और उसका प्रभार किसी दूसरे को नहीं दिए जाने के कारण इसमें देरी हो सकती है. JAC अध्यक्ष के निर्देश पर ही परीक्षा (Exam) की तारीख की घोषणा, प्रश्न पत्रों की छपाई से लेकर परीक्षा केंद्रों का निर्माण तक किया जाता है, लेकिन मैट्रिक-इंटरमीडिएट की परीक्षा को लेकर अब तक ये कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी है. 


आगे बढ़ाना पड़ सकता है शेड्यूल
JAC में 15 सितंबर से ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद खाली है. अध्यक्ष के ना होने की वजह से तमाम अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. पिछले JAC अध्यक्ष के समय कई संस्थानों को मान्यता और सीटों में बढ़ोतरी को स्वीकृति दी गई थी, लेकिन उसका आदेश नहीं निकल सका है. ऐसे में इन संस्थानों में रजिस्ट्रेशन में दिक्कत हो रही है. नए संस्थानों को अनुमति नहीं मिलने पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया नहीं चल रही है. राज्य सरकार ने मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए एक से 15 दिसंबर के बीच का शेड्यूल जारी किया था. इसी बीच JAC को मैट्रिक और इंटरमीडिएट के पहले टर्म की परीक्षा भी लेनी है. राज्य सरकार की अनुमति नहीं मिली तो शेड्यूल के अनुसार परीक्षा संचालन संभव नहीं होगा और परीक्षा का शेड्यूल आगे बढ़ाना पड़ सकता है. 


शिक्षा मंत्री ने दिया था आश्वासन
JAC के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते हाल ही में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Jagarnath Mahto) ने आश्वासन दिया था जल्द ही JAC के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति कर ली जाएगी. बावजूद इसके अब तक सरकार की तरफ से ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं जिसका नतीजा ये है कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट के पहले टर्म की परीक्षा समय पर हो जाए इसे लेकर संशय बरकरार है.


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