President Draupadi Murmu: देश की 15वीं राष्ट्रपति (President) निर्वाचित होने के बाद द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का शपथ ग्रहण सोमवार को संसद भवन में हुआ. शपथ ग्रहण समारोह में झारखंड (Jharkhand) सहित देशभर के सांसद, विधायक और नेता मौजूद रहे. देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) और बीजेपी नेताओं ने उन्हें बधाई दी है. 64 साल की उम्र में द्रौपदी मुर्मू रिकॉर्ड-धारक नीलम संजीव रेड्डी (1977-1982) को पीछे छोड़ते हुए सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति बनी हैं.
 
'हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं'
सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि, ''जोहार महामहिम! भगवान बिरसा मुंडा, वीर शहीद सिदो-कान्हू, फूलो-झानो, बाबा तिलका मांझी, पोटो हो, तेलंगा खड़िया, जतरा टाना भगत, नीलांबर-पीतांबर और शेख भिखारी आदि जैसे महान पुरुखों की वीर भूमि से आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.''






'स्वर्णिम अध्याय की शुरुआत है'
केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन  मुंडा ने नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि, ''आज का दिन स्वतंत्र भारत के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में नयी शुरुआत है. आदरणीय द्रौपदी मुर्मू के देश के राष्ट्रपति की शपथ ग्रहण करने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.'' 






'देश के लिए स्वर्णिम दिन'
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी नई दिल्ली में राष्ट्रपति के पद ग्रहण समारोह में शामिल हुए. उन्होंने कहा है कि, ''आज का दिन देश के लिए स्वर्णिम दिन है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारत में आए सामाजिक बदलाव की संवाहक बनेंगी. आजादी के 75वें वर्ष बाद दबे-कुचले और वंचित भी देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हो रहे हैं.''






'भारत का लोकतंत्र ना केवल विशाल, बल्कि महान भी है'
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि, ''विपन्नताओं व संघर्षों को पराजित करते हुए जनजातीय समाज की गौरव माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को शपथ लेने पर सादर जोहार व शुभकामनाएं. संवैधानिक सर्वोच्च पद पर आपके आसीन होने से देश के समस्त निम्न, मध्यम व जनजातीय वर्ग में आत्मविश्वास का संचार हुआ है. देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में माननीया द्रौपदी मुर्मू जी का शपथ ग्रहण का यह ऐतिहासिक क्षण देश के करोड़ों जनजातीय समाज व राष्ट्रसेवा में समर्पित कार्यकर्ताओं के लिए गौरव का पल है. एक साधारण घर में जन्मी जनजातीय समाज की महिला, जिसने स्वयं के समर्पण और राष्ट्र के प्रति निष्ठा के भाव से देशवासियों के मन में आत्मविश्वास का संचार किया है. सच्चे अर्थों में लोकतंत्र को परिभाषित करते हुए उनका निर्वाचन दर्शाता है कि भारत का लोकतंत्र न केवल विशाल है बल्कि महान भी है. महामहिम द्रौपदी मुर्मू जी को बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं.'' 






1997 में शुरू हुआ सियासी सफर 
20 जून, 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं दौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वो 1997 में रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गईं. राजनीति में आने से पहले उन्होंने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षका के और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में रूप में काम किया. वो ओडिशा में दो बार विधायक रही हैं और नवीन पटनायक सरकार में मंत्री के रूप में काम करने का भी मौका मिला, जब बीजेपी बीजू जनता दल के साथ गठबंधन में थी.


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