Dumka Child Adoption: 3 महीने के रिकॉर्ड समय में CWC ने पूरी की प्रक्रिया, पूरा हुआ निसंतान दंपत्ति का सपना
Dumka News: बाल कल्याण समिति ने 3 माह के बालक को गोद देने की प्रक्रिया रिकॉर्ड समय में पूरी की है. पति-पत्नी को जब घर का चिराग मिला तो दोनों के चेहरे खुशियों से खिल गए.
Jharkhand Dumka Child Adoption: समस्तीपुर (Samastipur) के एक दंपत्ति के माता-पिता बनने का सपना पूरा हो गया है. बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) ने 3 माह के बालक को गोद देने की प्रक्रिया पूरी कर दी है. बक्सीबांध स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान (एसएए) में आवासीत इस बालक को बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र, एसएए के प्रभारी तारिक अनवर, सामाजिक कार्यकर्ता वहीदा खातून ने मंगलवार की देर शाम गोद में सौंप दिया. मौके पर बाल गृह बालक के सुपरिटेंडेंट संजू कुमार मौजूद थे.
खिल उठे चेहरे
47 व 41 वर्ष के पति-पत्नी को घर का चिराग मिला तो दोनों के चेहरे खुशियों से खिल गए. 2018 से अब तक दुमका से दिया गया ये 11वां एडॉप्शन है. 16 अप्रैल 2022 को जन्मे इस बालक को उसकी मां ने 4 दिनों बाद ही बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया था. 2 माह की पुनर्विचार अवधि के बीत जाने के बावजूद जब मां अपने बालक को सरेंडर करने के अपने निर्णय पर कायम रही तो समिति ने जरूरी कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए 21 जून 2022 को इस बालक को एडॉप्शन के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित कर दिया. बिहार के समस्तीपुर के एक निःसंतान दंपत्ति को जरूरी कागजी कार्रवाई के बाद बालक को सौंप दिया गया.
कानूनी प्रक्रिया का करें पालन
सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार ने बताया कि संतान सुख से वंचित दंपति एवं माता-पिता के लाड प्यार से वंचित बच्चों को मिलाने की प्रक्रिया ही दत्तक ग्रहण है. कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 25 वर्ष से ऊपर है, बच्चे को गोद लेने की अर्हता रखता है, अगर वो मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हैं तो वो सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी की वेबसाइट (कारा) पर स्वयं निबंधन कराकर बच्चे को गोद ले सकते हैं. उन्होंने ये अपील भी की है कि गोद हमेशा कानूनी प्रक्रिया अपनाकर ही लें, इससे बच्चों को गोद लेने वाले अभिभावक से कानूनी अधिकार प्राप्त होता है.
ये भी पढ़ें: