Dumka: कुत्ते की वफादारी की दिलचस्प कहानी! गुम होने के छह महीने बाद गाड़ी का हॉर्न सुनकर मालिक को पहचान लिया
Dog Loyalty: कुत्ते की वफादारी की आज एक ऐसी घटना सामने आई है जो आपने शायद ही पहले सुनी होगी. गुम होने के छह महीने बाद गाड़ी का हॉर्न सुनकर कुत्ते ने मालिक को पहचान लिया.
Doggy Loyalty in Dumka: अक्सर हमें फिल्मों में कुत्ते की वफादारी देखने को मिलती है. रियल लाइफ में भी कुत्ते जैसा वफादार जानवर हो ही नहीं सकता. इस वफादारी को एक पालतू कुत्ते ने हकीकत में साबित कर दिया है. यह वाक्या झारखंड की उपराजधानी दुमका से जुड़ी है जो सदर थाना में एक कुत्ते ने अपनी मालिक के प्रति वफादारी पेश कर सबको हैरान कर दिया. दरअसल यह कहानी एक पालतू कुत्ते एसक्यूबी का है. जो छह माह बाद भी अपने मालिक को पहचाने में धोखा नहीं खाया. दुमका नगर थाना क्षेत्र के एक होटल मालिक का कुत्ता छह माह पूर्व गुम हो गया था. जिसकी सोशल मीडिया के माध्यम से खोजबीन भी मालिक ने की. लेकिन डॉगी नहीं मिला.
जानें कैसे पहले मालिक तक पहुंचा डॉगी?
मंगलवार को डॉगी के मालिक मयंक सिंह अपने रिश्तेदार को परीक्षा दिलाने के लिए दुमका एसपी कॉलेज छोड़ने गए थे. जहां डॉगी को किसी अन्य व्यक्ति को घूमाते देखा. मालिक ने पहली नजर में अपने खोए डॉगी को पहचान लिया. स्कार्पियों का हॉर्न बजाया, हॉर्न की आवाज सुनते ही डॉगी अपने नाम एसक्यूबी के अनुरूप तेज रफ्तार से दौड़ कर मालिक के पास पहुंच गया. डॉगी के पहले मालिक के पास पहुंचने पर एसपी कॉलेज मैदान में माहौल ही कुछ और हो गया. दोनों मालिकों के बीच डॉगी के दावेदारी को लेकर भिडंत हो गई.
मामले की सूचना पहले वाले मालिक मयंक सिंह ने पुलिस को दी. सूचना पर नगर थाना पुलिस की पीसीआर वैन मौके पर पहुंची. डॉगी को कब्जे में लेकर थाना लायी. नगर थाना में भी पहुंच दोनों मालिकों ने पुलिस के समक्ष डॉगी उनका होने का दावेदारी करते रहे. पुलिस भी डॉगी के वास्तविक मालिक कौन है, इसे लेकर पड़ताल करती रही. एसआईसी में काम करने वाले डॉगी के दूसरे मालिक ने परिवार के अन्य सदस्यों में बच्चों से डॉगी का बेहतर संबंध होने का हवाला देता रहा. पुलिस ने उसके दावेदारी को सही आंकने के लिए दूसरे मालिक के बच्चों को भी बुलाया. लेकिन डॉगी पहले वाले मालिक के पास ही भटकता रहा.
पुलिस डॉगी का वास्तविक मालिक का चयन नहीं होने पर वन विभाग को सौंपने की सोची. अंत में दोनों मालिकों में वास्तविक मालिक की पड़ताल को लेकर पुलिस लाइन हेडक्वाटर से डॉग स्क्वायड की टीम को बुलाया गया. मौके पर डॉग स्क्वायड की टीम ने जांच कर पहले मालिक को सही पाया. बाद में नगर थाना पुलिस ने पहले वाले मालिक होटल के मालिक मयंक सिंह को डॉगी सौंप दिया. यहां बता दें कि होटल मालिक ने बताया कि कोलकाता से दो माह की आयु में 8 हजार रुपये में खरीदा था. डॉगी एसक्यूबी लेबरा प्रजाति की विदेशी नस्ल है. छह माह पूर्व होटल का दरवाजा खुलने के कारण भटक गया. जिसे आज अचानक एसपी कॉलेज मैदान में किसी अन्य व्यक्ति को घुमाते हुए देखा. देखते ही डॉगी को पहचान गया और गाड़ी का हॉर्न बजाने पर भागा-भागा आया. सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस डॉग स्क्वायड टीम की मदद से जांच कर सौंपा.
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