Jharkhand News: झारखंड के दुमका (Dumka) में मारुति कुमारी पेट्रोल हत्याकांड में लोगों का गुस्सा फुट पड़ा. लोगों ने दुमका भागलपुर मुख्यमार्ग पर नोनीहाट में सड़क जाम कर अपना विरोध प्रकट किया. करीब सात घंटे तक चले इस जाम में झारखंड के हेमंत सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा देखा गया. जाम में शामिल लोगों ने सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं जाम में पहुंचे गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने इस हत्याकांड के लिये सरकार के कानून व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया.
सांसद-विधायक के समझाने पर भी अड़े रहे
उपराजधानी दुमका में पेट्रोल डालकर मारुति कुमारी को जिन्दा जलाकर हत्या कर देने के मामले में आज लोगों का गुस्सा फुट पड़ा. लोगों ने परिजनों के साथ मारुति का शव लेकर करीब सात घंटे तक जाम कर दिया. लोग प्रशासन और सरकार से आरोपी राजेश राउत को लोगों को सौप देने की मांग पर अड़े थे. इस जाम में पीड़ित परिवार को दो लाख आर्थिक सहायता दी जाए. सांसद निशिकांत दुबे ने लोगों को काफी समझाया लेकिन लोगों के अपनी मांग पर अड़े रहने से बीजेपी सांसद और विधायक सहित नेताओं को लेकर वैरंग वापस लौटना पड़ा. इस दौरान लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बीजेपी विधायक और सांसद के जाने के बाद लोगों को समझाने से जाम खत्म कर दिया.
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निशिकांत दुबे ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना
इधर निशिकांत दुबे ने लगातार हो रहे बेटियों के हत्याकांड से हेमंत सरकार के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है. सांसद ने कहा हेमंत सरकार में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. लगातार एक के बाद एक घटना घट रही है और सरकार कोयला, बालू और गिट्टी की अवैध कारोबार में जुटी है. घटना को लेकर प्रशासन संवेदनशील नहीं है. गारंटी नहीं है कि आने वाले दिनों में बेटी की जान नहीं जा सकती है. यहां एक ग्रोमिंग गैंग काम कर रहा है.
लोगों ने सड़क से शव उठाने से किया इनकार
इधर निशिकांत दुबे ने जाम तोड़कर शव के अंतिम संस्कार के लिये मारुति के पैतृक आवास ले जाने की बातें कही तो जाम में शामिल लोगों ने सड़क से शव उठाने से इनकार कर पहले आरोपी को सौंपने को कहा लेकिन इस मांग को ठुकराते हुये कहा कि ये तालिबानी फरमान हमारे द्वारा सम्भव नहीं है क्योंकि हम संविधान की शपथ खाकर लोगों के हित के लिये काम करते हैं. कानून ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. हम भरोसा देते है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में एक महीने के भीतर आरोपी को सजा दिलाई जाएगी. हालंकि लोगों के जाम तोड़ने के इंकार से सांसद वापस लौटने पर बाध्य हो गये. बहरहाल इस घटना ने लोगों को अंदर से हिलाकर रख दिया है. जनता का गुस्सा सड़कों पर देखने को मिला है. सात घंटे के बाद मारुति को उसके पैतृक घर भैरवपुर ले जाकर शव का अंतिम संस्कार किया गया.