भारत सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर, असहाय, विधवा महिलाओं और वृद्ध लोगों को आर्थिक सहायता राशि देने के लिऐ पेंशन योजना बनाई है जो प्रतिमाह 1000 रुपये डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में दी जाती है. दुमका जिले के प्रखंडों में ऐसे ही असहाय लोगों को सहायता राशि लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर  लगाने पड़ते हैं. इसके बाद भी उन्हें सरकार के महत्वाकाक्षी योजना का लाभ शायद ही नसीब हो पाता है. दलालों से घिरे प्रखंड में असल हकदार सरकारी लाभ से वंचित रह जाते हैं. झारखंड के दुमका जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पति के जीवित रहते पत्नी विधवा बनकर सरकारी पेंशन का लाभ उठा रही है. यही नहीं पति सरकारी नौकरी में है.


अपात्र लोगों को मिल रहा लाभ
यह मामला दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखंड के धनवय गांव का है. यहां की कई महिलाएं सरकारी कागजों में विधवा बनकर लाभ कई महीनों से सरकार के महत्वाकांक्षी योजना विधवा पेंशन का उठा रही हैं. सरकार के मुलाजीमों को यह बात नजर नहीं आती है. आशा देवी पति पवन कुमार दास का नाम पेंशन लाभुक के लिस्ट में विधवा आशा देवी दर्ज है. वहीं उसी गांव की शकुंतला देवी के पति काली दास जीवित हैं. उन्हें भी विधवा पेंशन का लाभ मिल रहा है.


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घरवालों का क्या कहना है
जब हम लाभुक आशा देवी के घर पहुंचे तो उनके पति हड़बड़ा गए और हाथ जोड़ते हुए कहा कि मेरी बीबी का मामला है उनसे ही पूछिए. आशा देवी के बेटे ने कहा कि पेंशन कैसे मिल रहा है यह हमें नहीं पता है लेकिन गलती हुई है. हम सरकार का सारा पैसा वापस कर देंगे. आशा देवी के ससुर नरेश दास जो रिटायर्ड शिक्षक है से जब हमने पूछा कि बेटा जिंदा है तो बहू को विधवा पेंशन कैसे मिलता है तो उन्होंने बताया कि सूची में नाम चढ़ाने वक्त जिसका मन होता है उससे पैसा लेकर नाम चढ़ा दिया जाता है.


गांव के लोगों ने क्या कहा
गांव के लोग बताते हैं कि सरकार के लाभकारी योजना का लाभ उन लाभुकों तक नहीं पहुंचता जो उनके असली हकदार हैं बल्कि ऐसे लोगों को पैसे लेकर लाभकारी योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है. इस गांव में किस कदर धांधली किया गया है जो इन लाभकारी योजना के असली हकदार हैं उनको योजना का लाभ नहीं मिलता. यहां विधवा वृद्ध महिलाओं को विधवा पेंशन नहीं मिल रहा है जिनमे उर्मिला देवी, सलखि देवी, नीरामाला दास जैसों के नाम शामिल हैं. गांव के ही दिव्यांग पवन कुमार मंडल बताते हैं कि मैंने दिव्यांग पेंशन के लिए बहुत बार अर्जी दी लेकिन हमें आजतक पेंशन का लाभ नहीं मिला. वे बताते हैं कि यहां सरकारी योजनाओं में लूट मची हुई है और बिना पैसे के कोई काम नहीं होता है.


डीडीसी ने क्या कहा
जब हमनें सरैयाहाट प्रखंड में विधवा पेंशन में जालसाजी कर सरकार का महत्वाकांक्षी योजनाओं को हड़पने के मामले को डीडीसी के संज्ञान में लाया तो डीडीसी ने गंभीरता से लिया. डीसीसी ने कहा कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है. आपके माध्यम से जानकारी मिली है तो इस गड़बड़ी की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा उसपर कार्रवाई की जाएगी.


जीवित को मृत घोषित किया गया था
बहरहाल दुमका जिले में यह कोई पहली घटना नहीं है बल्कि सरैयाहाट में एक वृद्ध व्यक्ति को जीवित रहते ही सरकारी कागजों में मृत घोषित कर सरकारी लाभ से वंचित कर दिया गया था. वहां आज सरकारी पेंशन के लिए यही पदाधिकारी एक महिला को विधवा बनाकर सरकारी पेंशन का लाभ दे रही हैं. जालसाजी का यह खेल चंद पैसे की खातिर धड़ल्ले से चलाकर उन महिलाओं को हक और अधिकार से वंचित कर दिया है जो इस योजना की असली हकदार थीं. जरूरत है कि सरकार इसपर ठोस कार्रवाई करे ताकि ऐसी गड़बड़ी न हो पाए.


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