Jharkhand News: झारखण्ड के दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के पत्थर उद्योगिक इलाके में कभी पत्थरो के तोड़ने की गूंज से दहल उठता था. आज इस इलाके में खुशी की लहर है. सरकार ने जिला प्रशासन के सहयोग से पानी के संकट का समाधान ढूंढ लिया है. पानी के संकट से जूझ रहे लोगों को उसी इलाके के खदान से शुद्ध पानी लोगों तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है. इसके बाद ग्रामीणों में खुशी की लहर है.


42 आदिवासी परिवार को मिलेगा लाभ
झारखंड के कुलकुली डंगवाल आदिवासी गांव में सात टोले हैं. जिनमें करीब 42 आदिवासी परिवार रहते हैं. इन परिवारों को पानी के घोर संकट का सामना करना पड़ता था, लेकिन प्रशासन ने बंद पड़े पत्थर खदानों के जमा पानी को फिल्टर कर उसे पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर पहुंचाने का प्रयास कर रही है. लोगों को शुद्ध और सुलभ पानी मिलने से लोगों में उत्साह के साथ जिला प्रशासन के प्रति विश्वास का भाव भी बना है.


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स्थानीय विधायक ने किया शुभारंभ
इस योजना का शुभारंभ रविवार को शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन, जिला परिषद अध्यक्ष जोयेस बेसरा और उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने संयुक्त रूप से की. बंद पत्थर खदान के पानी को 40 घरों में पहुंचाने की योजना पर मात्र 13 हजार रुपए खर्च किए गए है. शिकारिपाड़ा स्थानीय विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि सरकार जन कल्याणकारी योजना में लगी हुई है और इस कड़ी में इस गांव में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. आने वाले दिनों में भी यह प्रयोग और भी गांवो में कर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा.


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