Dumka News: झारखंड (Jharkhand) के संताल परगना में कोयले का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं दुमका (Dumka)में तो अवैध पत्थर खदान का कारोबार परवान पर है. साथ ही यहां अब अवैध कोयला कारोबार भी धड़ल्ले से चलाया जा रहा है. जिले के उपायुक्त के सख्ती के वाबजूद खनन टास्कफोर्स टीम इस कारोबार को रोकने मे नाकाम साबित हो रही है. डोजरिंग करने पहुंचे विभाग के पदाधिकारी भी मानते हैं कि, क्षेत्र में रोजगार के आभाव मे लोग अवैध खदान बनाकर कोयले का कारोबार कर रहे हैं.
दुमका इलाके में माफिया बिना किसी भय के धड़ल्ले से पत्थर, बालू और कोयले का काला कारोबार कर रहे हैं. ये कारोबार शिकारीपाड़ा थाने क्षेत्र में किया जा रहा है. यहां प्रशासन की टास्कफोर्स टीम हर बार की तरह सोमवार को भी कोयले के लिए खोदे गए अवैध खदान की डोजरिंग करने बड़ी बड़ी मशीने लेकर पहुंची. यहीं नहीं टास्कफोर्स टीम में शामिल दुमका के जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू के नेतृत्व में एक टीम भारी संख्या मे एसएसबी जवान और जिला पुलिस बल के साथ क्षेत्र के बादल पाड़ा और लुटियापहाड़ी वन क्षेत्र में भी पहुंची.
मजदूर करते हैं कोयले की खुदाई
यहां भी अवैध कोयला खदानों और सुरंगों को ध्वस्त करने का काम किया गया है. इस क्षेत्र मे दर्जनों कोयले के खदान पाई गईं, जिन्हें कुछ महीने पहले वन विभाग की टीम ने डोजरिंग कर बंद किया था., लेकिन कोल माफियाओं ने इसे खोलकर दोबारा कोयले का कारोबार शुरू दिया. सूत्रों के अनुसार, इलाके में माफिया गरीब मजदूरों के सहारे कोयले की अवैध खदान बनाते हैं. फिर इन्हीं गरीब मजदूरों से कोयले की खुदाई करवाकर एक जगह जमा करते हैं. इसके बाद रात के अंधेरे में ट्रकों के जरीये बिना किसी रोक के बंगाल के अलग-अलग क्षेत्रो में कोयला सप्लाई करते हैं.
टास्कफोर्स टीम ने ध्वस्त की खदानें
यह सिलसिला तब तब जारी रहता है जब तक प्रशासनिक अधिकारीयों तक बात नहीं पहुंच जाती. सोमवार को भी उपायुक्त दुमका के आदेश पर टास्कफोर्स टीम शिकारिपाड़ा इलाके के अवैध कोयला खदान क्षेत्रों में गई. इस दौरान टीम ने तीन बाइक और 15 क्विंटल कोयला जब्त किया. इतना ही नहीं टास्कफोर्स टीम ने जेसीबी मशीन के सहारे आठ अवैध कोयला सुरंगों और खदानों को ध्वस्त किया. वहीं शिकारीपाड़ा के थाना प्रभारी उमेश कुमार राम ने बताया कि कोयले के उत्खनन के खिलाफ लगातार ड्राईव चलाया जा रहा है. जिन लोगों पर एफआईआर हुई है, उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.
कोयले के साथ बाइक भी जब्त
वहीं इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू ने कहा कि अवैध कोल खदान के विरुद्ध लगातार समय समय पर कार्रवाई हो रही है. इस तरह के धंधे व्यवदायिक नहीं बल्कि रोजगार के आभाव मे किए जा रहे हैं. टास्कफोर्स टीम ने कोयले के साथ बाइक भी जब्त की है. साथ ही प्रशासन ऐसे लोगों को चिन्हित कर रहा है, जो इस तरह के अवैध उत्खनन और व्यापार में लगे हुए हैं. बता दें दुमका जिला का शिकारिपाड़ा नक्सलग्रस्त इलाका माना जाता है. यही वजह है कि इस इलाके मे कोल माफिया बिना किसी भय के दिन मे कोयले की अवैध खुदाई कर रात मे ट्रकों के जरीये बंगाल सहित अन्य प्रदेशों कोयला भेजते हैं.
बहरहाल स्तिथि जो भी हो इलाके मे कोयले के काले कारोबार मे बड़े माफिया बच निकलते हैं और मजदूर फंस जाते हैं. ऐसे मे प्रशासन को जरुरत है कि उन माफियाओं पर शिकंजा कसे जो इस कारोबार को करने के लिए मजदूरों की सहायता लेते हैं, ताकि भविष्य मे होने वाले अवैध काले कारोबार को रोका जा सके.