Dumri By Polls: झारखंड में जगरनाथ महतो के निधन के बाद खाली पड़ी डुमरी विधानसभा सीट में उपचुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है. यूपीए की तरफ से झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को उम्मीदवार बनाया है. अब सवाल है कि बेबी देवी के सामने एनडीए की तरफ से कौन होगा? इसे लेकर लंबे समय से चर्चा तेज है. बीजेपी और आजसू के बीच इसे लेकर जल्द बैठक होगी और संभावना जताई जा रही है कि एक या दो दिनों के अंदर उम्मीदवार के नाम का ऐलान हो जाएगा. दोनों पार्टियों के प्रमुख नेता दिल्ली में है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि एक महिला ही दूसरी महिला को चुनौती दे सकती है. एनडीए की तरफ से आजसू की उम्मीदवार यशोदा देवी को मौका मिल सकता है.
यशोदा देवी ने इससे पहले जगरनाथ महतो को भी चुनौती दी थी और दूसरे नंबर पर रहीं थी. जगरनाथ महतो को 71128 वोट मिले थे. जबकि यशोदा देवी को 36840 वोट मिले. इस सीट पर पिछले बार बीजेपी ने भी अपना उम्मीदवार के तौर पर प्रदीप कुमार साहू को था जिसे 36018 वोट मिले थे. आजसू और बीजेपी के बीच वोटों का अंतर महज 827 था. यशोदा देवी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं उनके पति दामोदर महतो आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह डुमरी विधानसभा क्षेत्र प्रभारी थे. साल 2018 में उनका निधन हो गया था. जनवरी 2018 से उनका स्वास्थ ठीक नहीं चल रहा था. इस दौरान रांची के मेडिका में भी इलाज चला तो वहां के चिकित्सकों ने दोनों किडनी फेल हो जाने की जानकारी दी थी.
यशोदा देवी की दावेदारी मजबूत
अब तक यशोदा देवी के नाम का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन चर्चा तेज है कि उनके नाम पर लगभग सहमति बन गयी है. जगरनाथ महतो के निधन के बाद डुमरी में बेबी देवी को सहानुभूति वोट मिल सकता है. ऐसे में एनडीए किसी ऐसे चेहरे को सामने रखना चाहता है जिससे जनता वोट देने से पहले विचार करे. ऐसे में एनडीए के पास यशोदा देवी से बेहतर चेहरा मिलने की संभावना काफी कम है. यशोदा देवी के पति दामोदर महतो की भी इलाके में अच्छी पकड़ थी. दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी 17 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगी. बेबी देवी के नामांकन की तारीख सार्वजनिक हो गयी है और अबतक एनडीए ने अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. चुनाव में समय रहते प्रत्याशी के ऐलान से प्रचार में मदद मिलती है.
साल 2019 के चुनाव में किसे कितने वोट मिले
वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जल्द ही प्रत्याशी के नाम का ऐलान हो जायेगा और इस बार एक ही उम्मीदवार एनडीए की तरफ से होगा यह तय है. डुमरी विधानसभा में या तो कमल या केला छाप का प्रत्याशी चुनावी मैदान में होगा. पिछले चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि अगर बीजेपी और आजसू साथ आते हैं तो डुमरी विधानसभा सीट पर बेबी देवी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी के प्रदीप साहू को 36,013 वोट मिले थे. यशोदा देवी के वोट में प्रदीप साहू के वोट को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 72,853 होता है. जबकि दिवंगत जगरनाथ महतो को 71128 वोट मिले थे.
यूपीए को मिलेगी कड़ी टक्कर
डुमरी विधानसभा चुनाव में रणनीति के लिहाज से भी आजसू और बीजेपी का साथ आना कड़ी टक्कर देने के लिए जरूरी है. रामगढ़ उपचुनाव में एनडीए ने यह साबित भी किया है कि अकेले लड़ कर झारखंड में पार पाना मुश्किल है. साल 2019 में आजसू ने रामगढ़ से अकेले चुनाव लड़ा था चंद्रप्रकाश चौधरी ने एनडीए के साथ गिरिडीह से लोकसभा का चुनाव लड़ा वे जीते भी. उन्होंने अपनी पत्नी सुनीता चौधरी को 2019 में रामगढ़ सीट से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे हार गईं. उपचुनाव में बीजेपी साथ आयी और यह चुनाव आजसू जीत गयी. रणनीतिक तौर पर यह आजमाया हुआ तरीका है.
कुल कितने मतदाता?
डूमरी विधानसभा में 2,98,629 मतदाता हैं. 2,98,629 मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,54, 452 है. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1,44,174 है. डुमरी विधानसभा क्षेत्र दो जिले के तीन प्रखंडों में बंटा हुआ है. गिरिडीह का डुमरी प्रखंड और बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड व चन्द्रपुरा प्रखंड की नौ पंचायतें शामिल हैं. 1977 से इस विधानसभा में कुर्मी जाति और डुमरी प्रखंड के बाहर के ही लोग विधायक बनते रहे हैं. 1977 से पहले इस विधानसभा में डुमरी और पीरटांड़ प्रखंड शामिल था. कई बार इस प्रखंड के लोगों ने विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया. 1977 से पहले हुए परिसीमन में डुमरी के साथ नावाडीह और चंद्रपुरा के नौ पंचायतों को जोड़ दिया गया.