Dumri Bypoll Result 2023: डुमरी विधानसभा सीट (Dumri) पर हुए उपचुनाव में शुक्रवार को जेएमएम उम्मीदवार बेबी देवी (Baby Devi) ने आजसू पार्टी की उम्मीदवार यशोदा देवी (Yashoda Devi) को 17,153 मतों से हरा दिया. बेबी देवी को करीब 1,00,317 वोट मिले जबकि यशोदा देवी को 83,164 वोट मिले. वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि एआईएमआईएम (AIMIM) का वोट जेएमएम को स्थानांतरित होने से बेबी देवी की जीत में मदद मिली.
क्या कहते हैं आकड़ें?
उपचुनाव में एआईएमआईएम के उम्मीदवार अब्दुल मोबिन रिजवी केवल 3,472 वोट ही हासिल कर पाए, जो नोटा के 3,650 मतों से भी कम हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में रिजवी को 24,132 वोट मिले थे. वहीं जेएमएम उम्मीदवार जगरनाथ महतो को 71, 128 वोट मिले थे. इस बार 1,00,317 वोट मिले हैं. यानी वोटों में इजाफा हुआ है, वहीं एआईएमआईएम के वोट में भारी गिरावट आई है. बीजेपी और आजसू पिछली बार अलग-अलग लड़ी थी. बीजेपी के प्रदीप कुमार साहू को 36,013 वोट मिले थे. वहीं आजसू की उम्मीदवार यशोदा देवी को पिछले चुनाव में 36,840 वोट मिले थे.
डुमरी का समीकरण
डुमरी विधानसभा के तहत चंद्रपुरा, जुमरी और नावाडीर प्रखंड शामिल हैं. तीनों प्रखंडों को मिला दें तो यहां करीब 40 हजार मुस्लिम वोटर्स की संख्या है. वहीं कुर्मी वोटर करीब 85 से 90 हजार के बीच हैं. वैश्य वोटर्स दूसरे स्थान पर तो वहीं मुस्लिम वोटर्स तीसरे स्थान पर हैं. चौथे स्थान पर संख्या के हिसाब से एससी मतदाता आते हैं. वहीं आदिवासी मतदाता संख्या बल की दृष्टि से पांचवें स्थान पर हैं.
बेबी देवी झारखंड के पूर्व मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी हैं, जिनका अप्रैल में निधन होने के कारण डुमरी सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया. बेबी देवी ने अपनी जीत को महतो के प्रति 'सच्ची श्रद्धांजलि' करार दिया. महतो 2004 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘वादे के मुताबिक, अब मैं महतो के अधूरे कामों को पूरा करूंगी.’’
सीएम सोरेन ने कहा- लोकतंत्र चलेगा धनतंत्र नहीं
बता दें कि हेमंत सोरेन सरकार पहले ही बेबी देवी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे चुकी है. उन्होंने 3 जुलाई को मंत्री पद की शपथ ली थी. डुमरी की जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सीएम सोरेन ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘डुमरी की यह जबरदस्त जीत 2024 की शुरुआत है. जनता ने तय कर लिया है कि झारखंड में सिर्फ लोकतंत्र चलेगा, धनतंत्र नहीं. यहां सिर्फ और सिर्फ झारखंडियों की सरकार चलेगी. बीजेपी और आजसू के धोखे और अहंकार का अब झारखंड से सफाया तय है.’’ सोरेन ने कहा, ‘‘झारखंड सरकार दिवंगत जगरनाथ दा के सपनों और अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए काम करेगी.’’
बाबूलाल मरांडी ने लगाए ये आरोप
उधर, बीजेपी की झारखंड इकाई के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया, ‘‘चुनावी नतीजों से साफ है कि यह हेमंत सरकार की हार और तुष्टीकरण की जीत है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हेमंत सरकार की पूरी मशीनरी मतदाताओं को धमकाने में लगी हुई थी. पार्टी कार्यकर्ताओं का अपहरण कर लिया गया. घरों पर छापे मारे गए. धन-बल का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया, फिर भी जनता ने राज्य सरकार की विफलताओं पर जोरदार हमला किया.’’
एमआईएम प्रत्याशी को मिले नोटा से भी कम वोट
उपचुनाव के लिए मतदान पांच सितंबर को हुआ था. कुल 2.98 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से 64.84 प्रतिशत ने वोट डाले थे. असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने मोहम्मद अब्दुल मोबिन रिजवी को अपना उम्मीदवार बनाया था. राज्य में पैठ बनाने की उम्मीद में ओवैसी ने डुमरी में अपने उम्मीदवार के लिए प्रचार भी किया. बता दें कि गिरिडीह में 30 अगस्त को पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की सार्वजनिक रैली के दौरान लगाए गए कथित 'पाकिस्तान समर्थक' नारे को लेकर एआईएमआईएम उम्मीदवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है.
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