Jharkhand: डिमना लेक जमीन विवाद को लेकर टाटा स्टील और स्थानीय आदिवासियों की हुई बैठक, नहीं निकला कोई नतीजा
Dimna Lake Land Dispute: डिमना लेक में जमीन विवाद को लेकर ग्रामीणों और टाटा कंपनी के बीच बैठक हुई. बैठक में टाटा स्टील चौदह एकड़ जमीन पर वृक्षारोपण करने को अड़ी रही.
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East Singhbhum News: पूर्वी सिंहभूम (East Singhbhum) जिले के बोड़ाम थाना क्षेत्र में आने वाले डिमना लेक (Dimna Lake) में जमीन विवाद को लेकर ग्रामीणों और टाटा कंपनी के बीच बैठक हुई. इस मौके पर सीओ, और एडीसी मौजूद रहे. हालाकिं इस बैठक का कोई निष्कर्ष नहीं निकला. टाटा स्टील का कहना है कि सरकार ने जिन सोलह स्थानीय लोगों को जमीन बंदोबस्ती दी थी, उसे हाई कोर्ट के आदेश पर उपायुक्त ने सन 1997 में रद्द कर दिया था और लगभग चौदह एकड़ जमीन टाटा कंपनी के नाम की जा चुकी है.
वहीं ग्रामीणों का मानना है की चौदह एकड़ जमीन की जो बंदोबस्ती सरकार ने सोलह लोगों को दी थी, उसका 2012 तक हमने सरकार कोटैक्स भरा है, तो फिर सरकार हमारी बंदोबस्ती कैसे रद्द कर सकती है. दो दिन पहले टाटा कंपनी के द्वारा जमीन पर बुलडोजर चलाया जाने लगा. ग्रामीणों के पूछे जाने पर टाटा स्टील के कर्मचारियों ने बताया की यह वृक्षारोपण की योजना है. स्थानीय लोगों ने इसका विरोध कर दिया, जिसके बाद बात आला अफसरों तक पहुंची. उसके बाद यह निर्णय लिया गया की ग्रामीणों के साथ बैठक की जाएगी, जिसमें संबंधित सरकारी पदाधिकारी भी शामिल होंगे.
टाटा स्टील जमीन पर वृक्षारोपण करने पर अड़ी रही
बता दें इसके बाद ही ये बैठक हुई. बैठक में टाटा स्टील चौदह एकड़ जमीन पर वृक्षारोपण करने को अड़ी रही. वहीं ग्रामीणों ने साफ कहा कि जमीन पर वृक्षारोपण नहीं करने दिया जाएगा. वहीं एक स्थानीय आदिवासी ने सरकार और व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने हमारी बंदोबस्ती को रद्द कर दिया. फिर भी लगातार लगभग बारह वर्ष तक हमसे टैक्स वसूलती रही.
साथ ही स्थानीय आदिवासियों में सरकार और टाटा स्टील के प्रति आक्रोश भी देखा गया. वहीं इस मामले पर सरकारी पदाधिकारियों ने पत्रकारों से बातचीत करने से साफ मना कर दिया. गौरतलब है कि डिमना स्तिथ मिर्जाडीह में ग्रामीणों और टाटा कंपनी के बीच ये मतभेद कई साल पूराना है.
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