CM Hemant Soren Disqualification: निर्वाचन आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को उस याचिका पर अपनी राय भेज दी है, जिसमें दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक खनन पट्टे का विस्तार अपने लिए करके चुनावी कानून का उल्लंघन किया है. याचिका में सोरेन को एक विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित किए जाने की मांग की गई है.
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने राज्यपाल से कहा है कि चुनावी मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए सोरेन को विधायक पद के ‘अयोग्य’ करार देना चाहिए. राज भवन ने हालांकि आधिकारिक तौर पर इस घटनाक्रम की पुष्टि नहीं की है. बृहस्पतिवार को रांची लौटने पर राज्यपाल ने कहा, “मैं दो दिन तक एम्स दिल्ली में था. राज भवन पहुंचने के बाद ही मैं ऐसे किसी भी निर्णय के बारे में बात करने की स्थिति में होऊंगा.”
सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि आयोग ने अपनी राय गुरुवार की सुबह सीलबंद लिफाफे में झारखंड के राजभवन को भेज दी. झारखंड के राज्यपाल ने इस मामले को आयोग को भेजा था.
मामले में याचिकाकर्ता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) है जिसने जन प्रतिनिधि कानून की धारा नौ ए का उल्लंघन करने के लिए सोरेन को अयोग्य ठहराने की मांग की है.
संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन के किसी सदस्य की अयोग्यता से संबंधित कोई मामला आता है तो इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा और उनका फैसला अंतिम होगा.
उसमें कहा गया है, “ऐसे किसी भी मामले पर कोई निर्णय देने से पहले राज्यपाल निर्वचन आयोग की राय लेंगे और उस राय के अनुसार कार्य करेंगे.” ऐसे मामलों में चुनाव आयोग की भूमिका अर्द्धन्यायिक निकाय की तरह होती है.
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