CM Hemant Soren Disqualification: केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा की है. यह तय हो गया है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. उन्होंने सीएम रहते हुए अपने नाम पर माइन्स को लीज पर लिया था. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और बीजेपी ने इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन बताते हुए राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को लिखित शिकायत की थी. इस पर राज्यपाल ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था. निर्वाचन आयोग ने इस मुद्दे पर सुनवाई के बाद राज्यपाल को भेजे गए मंतव्य में हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है.
खत्म हो जाएगी विधानसभा सदस्यता
बताया जा रहा है कि, चुनाव आयोग के मंतव्य पर राज्यपाल का आदेश जारी होते ही हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाएगी. ऐसी स्थिति में उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा. चूंकि, हेमंत सोरेन जिस गठबंधन के नेता हैं, उसका विधानसभा में बहुमत है, इसलिए इस्तीफे के बाद वो नए सिरे से सरकार बनाने का दावा पेश कर फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं. राज्यपाल रमेश फिलहाल रांची पहुंच चुके हैं. इस बीच हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम ने अपने सभी विधायकों को शाम तक रांची पहुंचने के लिए कहा है.
ऐसी स्थिति में सीएम बने रह पाना होगा मुश्किल
अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हेमंत सोरेन को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है नहीं. अगर आयोग ने उन्हें अयोग्य करने की अनुशंसा की तो उनका मुख्यमंत्री बने रह पाना मुश्किल होगा.
बीजेपी और हेमंत सोरेन ने रखा पक्ष
हेमंत सोरेन के नाम पर रांची के अनगड़ा में पत्थर खदान की लीज आवंटित हुई थी, जिसे बाद मे उन्होंने सरेंडर कर दिया था, लेकिन इस मामले को लेकर बीजेपी की शिकायत पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने कई राउंड की सुनवाई की. शिकायतकर्ता बीजेपी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोनों ने अपने-अपने पक्ष रखे. बीते 18 अगस्त को निर्वाचन आयोग ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
जा सकती है बसंत सोरेन की सदस्यता
हेमंत सोरेन वर्ष 2019 के चुनाव में 2 विधानसभा क्षेत्रों दुमका और बरहेट विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. बाद में उन्होंने दुमका विधानसभा क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया था और बरहेट से विधायक बने रहने का निर्णय लिया था. बाद में उनके इस्तीफे से खाली हुई दुमका विधानसभा सीट पर उपचुनाव में उनके भाई बसंत सोरेन झामुमो के उम्मीदवार के रूप में विजई हुए थे. बसंत सोरेन पर भी विधायक रहते हुए माइन्स लीज लेने का आरोप है और इस मामले में भी निर्वाचन आयोग में सुनवाई चल रही है. इस केस में आयोग ने सुनवाई की अगली तारीख 28 अगस्त तय कर रखी है. चूंकि, बसंत सोरेन का मामला भी हेमंत सोरेन के जैसा ही है, इसलिए उनकी सदस्यता जानी भी तय मानी जा रही है.
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