Jharkhand News: झारखंड ग्रामीण विकास के चीफ इंजीनियर और सीए के खिलाफ ईडी ने दर्ज कराई मनी लॉन्ड्रिंग केस
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने झारखंड ग्रामीण विकास के निलंबित चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के खिलाफ शेल कंपनी के जरिए करीब 100 करोड़ रुपये की मनी लॉड्रिंग करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है.
Ranchi: फर्जी पैन कार्ड के जरिए शेल कंपनी बनाकर 100 करोड़ से भी अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम और चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल सहित अज्ञात लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में एफआईआर दर्ज की गई है. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) यानी ईडी ने यह एफआईआर बैंक खाते खोलने के लिए फर्जी केवाईसी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में दर्ज कराई है.
बीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम के खाते में ट्रांसफर हुए थे 4.30 करोड़ रुपये
ईडी की जांच में यह पता चला था कि श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स, अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स और ओम ट्रेडर्स नाम की कंपनियों के जरिए बीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम के खाते में 4.30 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए थे. बीरेंद्र राम ने इसी रकम से दिल्ली में जमीन खरीदी थी. जिन तीन कंपनियों के अकाउंट से बीरेंद्र राम के पिता को रकम ट्रांसफर की गई थी, उनके अकाउंट सचिन गुप्ता के नाम से बनाए गए फर्जी पैन कार्ड के जरिए खोले गए थे. मामले की जांच के बाद ईडी ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया था.
सीए मुकेश मित्तल ने स्वीकार की हवाला से 5 करोड़ रुपये मिलने की सच्चाई
ईडी ने सीए मुकेश मित्तल और उनकी पत्नी से इस मामले में प्रारंभिक पूछताछ की है. उन्होंने ईडी को बताया कि करीब चार से छह महीने पहले बीरेंद्र राम उनसे मिले थे. उन्होंने मुकेश मित्तल से अपने पिता गेंदा राम के बैंक खाते में पांच करोड़ रुपये की नकदी के बदले धन की निकासी के लिए मदद मांगी. मुकेश मित्तल ने ढाई परसेंट की फीस पर यह मैनेज करना स्वीकार किया. मुकेश मित्तल ने स्वीकार किया कि उन्हें दो महीने की अवधि में बीरेंद्र राम से कुल पांच करोड़ रुपये मिले. बीरेंद्र राम घरेलू हवाला की मदद से हर बार उन्हें लगभग 25-50 लाख की नकद राशि भेजता था. ईडी ने एफआईआर में इसका खुलासा किया है.
ईडी का अनुमान, बीरेंद्र राम ने की करीब 100 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग
बता दें कि ईडी वीरेंद्र राम के खिलाफ कथित टेंडर घोटाले के मामले की जांच कर रहा है. इस सिलसिले में ईडी ने 22 फरवरी को बीरेंद्र राम, मुकेश मित्तल और अन्य के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. ईडी का अनुमान है कि बीरेंद्र राम ने लगभग 100 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग की है. बीरेंद्र राम को गिरफ्तार कर लिया गया था. पिछले 14 दिनों से उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है.
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