Jharkhand News: झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाला मामले में बुधवार सुबह 6.30 बजे रांची सहित धनबाद, देवघर, दुमका, गिरिडीह, हजारीबाग, जामताड़ा और कोलकाता में 32 जगहों पर एक साथ छापेमारी की. इनमें झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव, नेक्सजेन कंपनी के मालिक विनय सिंह, शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी उनके भाई अमरेंद्र तिवारी और उनके सहयोगियों के ठिकाने शामिल हैं. ईडी को मंत्री रामेश्वर उरांव के घर से 30 लाख रुपये, विनय सिंह के घर से एक करोड़ रुपये से अधिक के जेवर और अहम दस्तावेज मिले हैं.
ईडी ने विनय सिंह से इनकम टैक्स रिटर्न मांगा है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. ईडी को जानकारी मिली है कि रोहित उरांव ने योगेंद्र तिवारी के माध्यम से शराब व्यवसाय में मोटी रकम लगाई है. ईडी ने शराब घोटाला, जमीन घोटाला और बालू घोटाला में संयुक्त रूप से इंफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है. यह योगेंद्र तिवारी व प्रेम प्रकाश पर पुरानी शराब नीति से जुड़े देवघर, जामताड़ा में दर्ज मामलों से संबंधित है. इसी ईसीआईआर पर कार्रवाई हुई है. अब जांच का दायरा नई शराब नीति में हुई गड़बड़ी तक बढ़ने वाला है.
योगेंद्र तिवारी के 26 ठिकानों पर छापेमारी
ईडी ने दुमका के कारोबारी योगेंद्र तिवारी और उनके भाई अमरेंद्र तिवारी को पूछताछ के लिए 26 अगस्त को रांची स्थित कार्यालय बुलाया है. दोनों से शराब मामले में पूछताछ होगी. ईडी ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के दुमका स्थित ठिकानों पर छापामारी की. योगेंद्र तिवारी का शराब के साथ रियल एस्टेट, बालू और खनन में भी बड़ा कारोबार है. ईडी की टीम ने जब दस्तक दी तो उनका तनिष्क शोरूम, तिवारी ऑटोमोबाइल्स और गिलानपाड़ा स्थित कार्यालय सह गोदाम बंद था. इसके बाद ईडी टीम ने इन ठिकानों को खुलवाया और जांच की. इससे पूर्व फर्जी शेल कंपनियों के जरिए शराब का टेंडर लेने का भी आरोप योगेंद्र तिवारी पर लगा था.
पूर्व विधायक निर्भय के रिश्तेदार का योगेंद्र से संबंध
गिरिडीह में भाजपा के पूर्व विधायक निर्भय कुमार शाहबादी के घर करीब 9 घंटे छापेमारी चली. सुबह करीब 7 बजे 4 वाहन से ईडी टीम पहुंची. निर्भय के भतीजे नीरज कुमार शाहाबादी कई सालों से शराब का कारोबार कर रहे हैं. ईडी जल्द उनसे पूछताछ कर सकता है. पूर्व विधायक निर्भय के रिश्तेदार का शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के साथ पुराना संबंध है वे भी शराब सिंडिकेट में भी शामिल हैं. योगेंद्र तिवारी ने जामताड़ा के मिहिजाम से निकल कर पूरे झारखंड में शराब, रियल इस्टेट व बालू के कारोबार से करोड़ों की संपत्ति बनाई है.
चितरंजन लोकोमोटिव का कमर्चारी योगेंद्र ने दुमका एसपी कॉलेज से लॉ की डिग्री हासिल की है. योगेंद्र पहले लोहे का कारोबार करता था, लेकिन बाद में शराब कारोबार से जुड़कर राजनीति के गलियारे में मजबूत पकड़ बना ली. इसके बाद बालू का ठेका और जमीन का कारोबार शुरू किया.