Jharkhand News: झारखंड के साहिबगंज में अवैध माइनिंग के जरिए 1000 करोड़ रुपए की मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. ईडी जल्द ही इस मामले में गिरफ्तार सात आरोपियों की संपत्ति जब्त करेगा. जिन लोगों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी चल रही है, उनमें सीएम हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में उनके प्रतिनिधि पंकज मिश्र भी शामिल हैं.


अवैध माइनिंग स्कैम पर ईडी की कारवाई
ईडी ने अपनी चार्जशीट में उसे अवैध माइनिंग स्कैम का किंगपिन बताया है. पंकज मिश्र के सहयोगी बच्चू यादव, नेताओं और नौकरशाहों के करीबी रहे प्रेम प्रकाश, पत्थर कारोबारी दाहू यादव के पिता पशुपति यादव, कृष्णा कुमार साहा, भगवान भगत और टिंकल भगत की संपत्तियों का विवरण ईडी ने जुटा लिया है. भगवान और टिंकल अभी ईडी की रिमांड पर हैं, जबकि अन्य पांच आरोपी जेल में हैं. जांच में पता चला है कि इन आरोपियों ने अवैध खनन और परिवहन से कमाई गई राशि होटल, लॉज और अस्पतालों में लगाई है. शेल कंपनियों के माध्यम से भी काले धन को सफेद करने की कोशिश की गयी है.


18 लोगों के ठिकानों पर मारा था छापा
अब जांच एजेंसी को सभी होटल, लॉज, अस्पताल और शेल कंपनियों का ब्योरा मिल गया है. ईडी ने पिछले साल आठ जुलाई को साहिबगंज में पंकज मिश्रा सहित 18 लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था. इस दौरान पंकज के सहयोगियों के ठिकानों से 5.34 करोड़ कैश मिले थे. वहीं, आरोपियों के बैंक खातों में पड़े 13.32 करोड़ रुपए भी जब्त किए गए थे. ईडी ने जांच में पाया कि साहिबगंज में लीज से अधिक जमीन पर पत्थर खनन किया गया. यही नहीं, उन पहाड़ों को भी खोद डाला, जिनकी लीज नहीं हुई थी. इन सभी पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी साबित हुआ था.


अवैध पत्थर खनन पर पंकज मिश्रा का सीधा नियंत्रण 
जांच में ईडी को यह भी पता चला कि साहिबगंज जिले में अवैध पत्थर खनन पर पंकज मिश्रा का सीधा नियंत्रण था. उसके संरक्षण में ही अवैध खनन और परिवहन होता था. इसके बदले पंकज मिश्रा मोटी रकम वसूलता था. जो लोग पैसे नहीं देते थे, उसका काम रुकवा दिया जाता था. क्षेत्र में उसकी इतनी पकड़ थी कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी उसके इस अवैध धंधे को रोकने में विफल थे. ईडी ने अपनी छानबीन में इस तथ्य को उजागर किया.


1000 करोड़ रुपए से अधिक का अवैध खनन
जांच एजेंसी ने पिछले साल 19 जुलाई को पंकज मिश्रा को चार अगस्त को उसके खास सहयोगी बच्चू यादव को और 25 अगस्त को प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया था. इसके बाद जांच एजेंसी ने खुलासा किया कि साहिबगंज में 1000 करोड़ रुपए से अधिक का अवैध खनन हुआ है. अवैध पत्थर खनन मामले में ईडी ने साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव से भी दो बार पूछताछ की थी. तब डीसी ने सभी मामलों के लिए एसपी और जिला खनन अधिकारी (डीएमओ) को जवाबदेह बताया था. इसके बाद वहां के डीएमओ विभूति कुमार से भी जांच एजेंसी ने पूछताछ की थी.