Jharkhand News: झारखंड के सरायकेला (Saraikela) में लगातार हाथियों का आतंक बढ़ रहा है. यहां हाथियों ने चार दिन के भीतर 40 से ज्यादा घरों को तहस नहस कर दिया है. वहीं इस मामले में वन विभाग ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई तो ग्रामीणों ने उड़न चौक जाम कर दिया है. आपको बता दें कि, पश्चिम बंगाल को सीधे-सीधे झारखंड से जोड़ने वाली सड़क बीते 6 घंटे से बाधित है. झारखंड की राजधानी रांची से सरायकेला के बीच सड़क जाम होने से यात्री कई बसें रुकी हुई हैं, जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
सरायकेला जिले में झारखंड का दलमा वन्य जीव अभ्यारण है, जो जिले के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत आता है. अक्सर यहां हाथियों को लेकर विभाग काफी तत्पर देखा गया है. साथ ही सेव एलीफेंट एवं एलिफेंट कॉरिडोर का निर्माण भी विभाग के द्वारा राज्य मार्ग पर ही करवाया गया है. जिससे हाथियों को सड़क पार करने या कहीं भी आने-जाने में किसी प्रकार से यातायात द्वारा कोई कठिनाई का सामना ना करना पड़े. वहीं हाथियों के प्रति संवेदनशील जिला प्रशासन एवं वन विभाग क्या आम लोगों के प्रति उतना ही उदासीन है? दरअसल, क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार सुबह चांडिल थाना क्षेत्र अंतर्गत मानीकूई के पास तारकुआं गांव में जंगली हाथी ने कई घरों को छतिग्रस्त कर दिया.
सुबह 8 बजे से हाईवे जाम
इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने मुख्य सड़क के उड़न चौक को जाम रखा है. मामला इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि दूध मुंहे बच्चे को लेकर बेघर हुई महिलाएं चिलचिलाती धूप में सड़क पर बैठने को मजबूर हैं. इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए मुआवजा की मांग की. साथ ही पश्चिम बंगाल-चांडिल-रांची को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग को सुबह 8:00 बजे से जाम कर दिया है. इससे सड़क पर यातायात प्रभावित है. घटना की जानकारी चांडिल पुलिस को मिली तो मौके पर पहुंची पुलिस आक्रोशित ग्रामीण महिलाओं को समझा-बुझाकर सड़क जाम खत्म कराकर आवागमन शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है की बीते एक सप्ताह से जंगली हाथी ने गांव में डेरा जमाया है. वन विभाग ने तब से लेकर अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की है.
वन विभाग पर ग्रमीणों ने लगाया लापरवाही का आरोप
आक्रोशित तारकुआं गांव के ग्रामीणों ने बताया कि झुंड से बिछड़े जंगली हाथी ने बीते एक सप्ताह से मानीकूई के आसपास के क्षेत्रों में अपना डेरा जमाया हुआ है. वन विभाग द्वारा हाथी को भगाने को लेकर कोई ठोस उपाय नहीं किए गए. जिसके चलते हाथी घरों को नुकसान पहुंचा रहा है. गांव की आक्रोशित महिलाओं ने वन विभाग से कार्रवाई के साथ मुआवजे की भी मांग की है. इधर मौके पर मौजूद प्रखंड प्रमुख ने बताया कि अक्सर हाथियों द्वारा उत्पात मचाया जाता है, लेकिन वन विभाग के ढुलमुल रवैये के चलते हाथियों का झुंड बार-बार यहां पहुंचता है. जिससे ग्रामीण दहशत में जीने को विवश हैं. वहीं पूरे मामले में किसी भी वन विभाग के पदाधिकारी का विवादित स्थल तक नहीं पहुंचना विभाग के लापरवाही पर प्रश्नचिन्ह उठाता है.
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