Jharkhand Tender Commission Case: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने टेंडर कमिशन मामले में ग्रामिण कार्य विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम तारा चंद, नीरज मित्तल और राम प्रकाश भाटिया है. यही नहीं  ईडी ने विशेष कोर्ट से इन तीनों की छह दिनों की रिमांड का आग्रह भी किया है. इस पर कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगी. ईडी ने कोर्ट  में जो पिटिशन दिया है, उसमें उसने कहा है कि वीरेंद्र राम की काली  कमाई खपाने में तारा चंद, नीरज मित्तल और राम प्रकाश भाटिया शामिल हैं. 


ये तीनों ने उसकी काली कमाई खपाने में उसका सहयोग करते थे. दरअसल, ईडी ये जानना चाहती है कि इन लोगों ने कितनी राशि बैंकों में जमा कराई. यह राशि कहां से आई. ईडी को जांच में जानकारी मिली कि सचिन गु्प्ता के नाम पर तीन कंपनियों खाटू श्याम ट्रेडर्स, अनील कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स और ओम ट्रेडर्स के बैंक खाते खुले थे. इन खातों से अब तक 121.83 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ है. वहीं जब ईडी ने सचिन गु्प्ता का पता लगाया है तो उसे इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला. 


ईडी ने की मामले  की छानबीन
इसके बाद जब मामले  की छानबीन की गई तो पता  चला कि सचिन गुप्ता कोई और नहीं तारा चंद ही है. उसने ही फर्जी पैन और आधार के जरिए तीनों खाते खुलवाए. वीरेंद्र कुमार की काली कमाई को खपाने के लिए उसने ही सचिन गुप्ता, तारा चंद और बिट्टो कुमार गर्ग के नाम पर तीन फर्जी पैन और आधार कार्ड  बनवा रखे थे. साथ ही  उसने नीरज मित्तल के कहने पर बैंक में फर्जी खाते भी खुलवा रखे थे. 


वहीं ईडी ने राम प्रकाश भाटिया को  गिरफ्तार कर 23 और 24 जून को दिल्ली में पूछताछ की. ईडी की पूछताछ में उसने बताया कि बताया कि वो  सीए मुकेश मित्तल से नगद रुपये लेता था. इसके बदले में वो बैंक में पैसे जमा करता था और कमिशन लेता था.


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