Exclusive: 'राहुल गांधी तो एक अलग टारगेट हैं', कपिल सिब्बल ने BJP को लेकर दिया बड़ा बयान
कपिल सिब्बल ने कहा, 'BJP राहुल गांधी को टारगेट कर रही है. इसलिए मानहानि के कई मुकदमा उनके खिलाफ फाइल किए गए. पटना कोर्ट से उन्हें राहत मिली, लेकिन रांची कोर्ट में उन्हें पेश होने के लिए कहा गया.श
Kapil Sibal Exclusive News: पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से बंगला खाली करवाने और मोदी सरनेम केस को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है. सिब्बल ने कहा, 'सीधी बात यह है कि यह लोग राहुल गांधी को टारगेट कर रहे हैं. एक ही मानहानि का मुकदमा उनके खिलाफ नहीं है. उनके खिलाफ कई मुकदमे हैं. पटना कोर्ट से उन्हें राहत मिली, लेकिन रांची के एमपी-एमएल कोर्ट में उन्हें पेश होने के लिए कहा गया है. यह सरकार चाहती है कि कांग्रेस मुक्त नहीं, बल्कि विपक्ष मुक्त भारत हो. राहुल गांधी तो एक अलग टारगेट हैं.'
'सरकार गिराने की कोशिश'
कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि, 'मुझे बताइए कि किसे टारगेट नहीं किया जा रहा है? बीजेपी ने चुनी हुई सरकार मध्य प्रदेश में गिरा दी. इसकी शुरुआत उत्तराखंड से हुई थी. अरुणाचल प्रदेश में सरकार गिराई गई. सुप्रीम कोर्ट तक हमें जाना पड़ा. कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार गिर गई और फिर महाराष्ट्र में भी सरकार गिराई. गोवा में कांग्रेस के पास बहुमत था, लेकिन फिर भी राज्यपाल ने किसी और को सरकार बनाने के लिए बुलाया. यह लोग हिंदुस्तान में बीजेपी के अलावा कुछ नहीं देखना चाहते हैं.'
रांची कोर्ट ने पेशी पर बुलाया
दरअसल, मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. राहुल गांधी को रांची के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है. राहुल गांधी ने अपने वकील के माध्यम से पेशी से छूट की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. गौरतलब है कि राहुल गांधी पहले ही इस मामले में गुजरात के सूरत जिला अदालत से सजायाक्ता हैं. सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई है. जबकि, इसी मामले में राहुल गांधी को पटना हाई कोर्ट से राहत मिल गई है.
पटना कोर्ट से मिली थी राहत
एमपी एमएलए कोर्ट में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राहुल गांधी को 25 अप्रैल को MP-MLA कोर्ट में हाजिर होने का आदेश मिला था, लेकिन उनके वकील की तरफ से कोर्ट में यह अर्जी लगाई गई कि इसी मामले में उन्हें सजा हो चुकी है. अब इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने निचली अदालत में सुनवाई के लिए 15 मई तक के लिए रोक लगा दी है.