दुमका जिले के सरकारी अस्पताल में आग लगने का मामला, कृषि मंत्री के निर्देश पर अब होगी जांच, सामने आएगी सच्चाई
दुमका जिले के सरकारी अस्पताल के स्टोर रूम में आग लगने की घटना की अब जांच की जाएगी. कृषि मंत्री और जरमुंडी से कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए है.
Jharkhand News: झारखण्ड के दुमका जिला के जरमुंडी थाना क्षेत्र अंतर्गत पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टोर रूम में लगी आग की घटना की जांच होगी. जांच के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया जाएगा. बीते 22 अप्रैल को स्टोर रूम में हुई आगलगी की घटना की शुरुआती जांच के बाद सिविल सर्जन ने पूरे मामले की जांच के लिए स्पेशल टीम बनाने की बात कही है. वही कृषि मंत्री और जरमुंडी से कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख ने भी मामले को गंभीरता से लिया है.
दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
कांग्रेस विधायक बादल पत्रलेख ने अधिकारियों को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है. आपको बता दें कि 22 अप्रैल की सुबह जरमुंडी के पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टोर रूम में अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई थी जिसे फायर ब्रिगेड की टीम ने काफी मशक्कत के बाद काबू किया था. स्टोर रूम में अटल मोहल्ला क्लिनिक के साथ ही सरकारी अस्पताल की कई दवा, ऑक्सीजन सिलेंडर, जरूरी कागजात, मास्क, पीपीई किट सहित अन्य सामान मौजूद था जो आग की चपेट में आने से जलकर राख हो गई. जबकि किसी बड़ी अप्रिय घटना की आशंका से वहां रखे गए ऑक्सीजन सिलेंडर को हटा लिया गया.
स्टोर रुम में रखी थी लाखों रुपए की दवाईयां
बताया जा रहा है कि स्टोर रूम में रखी गई कई दवाएं एक्सपायरी थी तो कई नई दवाएं भी थी जिसकी अनुमानित कीमत लाखों में है. हालांकि आगजनी की इस घटना में कितने का नुकसान हुआ, इसकी फिलहाल जांच की जा रही है. आगजनी की इस घटना के बाद एक नया मोड़ तब आया जब 22 अप्रैल की रात को ही विभाग द्वारा घटनास्थल में जले हुए अवशेष और स्टोर रूम में बची कई दवाओं को अस्पताल के नए परिसर में स्थित एक पुराने गड्ढे में डिस्पोजल करने का प्रयास किया गया. हालांकि बाद में जब विभाग को अपनी गलतियों का अहसास हुआ तो आनन-फानन में गड्ढे से सभी अवशेषों को उठाकर सुरक्षित रखा गया. रात के अंधेरे में जली हुई दवाओं और कागजात के अवशेषों के डिस्पोजल को लेकर कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. हालांकि एबीपी न्यूज इन वीडियो की पुष्टि नहीं करता.
घटना को लेकर लोगों ने उठाए सवाल
इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठ रहे है. स्थानीय लोगों ने पूरी घटना को विभागीय लापरवाही का अंजाम बताया है और किसी बड़ी गड़बड़ी की ओर संकेत किया है. स्थानीय लोग मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे है. हालांकि अब जांच टीम के गठन और टीम की जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि आखिर स्टोर रूम में आग कैसे लगी, किसने लगाई, किस मंशा से लगाई गई और दवाओं को क्यों रात के अंधेरे में डिस्पोजल करने का प्रयास क्यों किया गया. ऐसे कई सवाल है. दुमका के सिविल सर्जन डॉ. बच्चा प्रसाद सिंह ने घटनास्थल की जांच के बाद कहा कि जांच के दौरान कई जरूरी जानकारियां जुटाई गई है. मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा. जांच टीम की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि हमारी पूरी नजर इस मामले में है. मामला संदिग्ध है लेकिन यह जांच के बाद ही कुछ साफ हो पाएगा.
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