पंचतत्व में विलीन हुए अमिताभ चौधरी, अंतिम संस्कार में शामिल हुए सीएम हेमंत सोरेन
Ranchi News: BCCI के पूर्व कार्यवाहक सचिव दिवंगत अभिताभ चौधरी को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. सीएम हेमंत सोरेन ने दिवंगत चौधरी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
Former BCCI president Amitabh Choudhary Funeral: पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) का पार्थिव शरीर बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गया. अभिताभ चौधरी का हरमू रोड स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया. पुत्र अभिषेक चौधरी ने मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) भी पहुंचे. दिवंगत अभिताभ चौधरी को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. मुख्यमंत्री ने दिवंगत के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
परिजनों से मिले सीएम सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अमिताभ चौधरी की पत्नी, पुत्र एवं पुत्री सहित अन्य परिजनों से मिले तथा उन्हें ढांढस बंधाया. परिजनों एवं शुभचिंतकों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की.
पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व आईपीएस एवं #JPSC के पूर्व अध्यक्ष श्री अमिताभ चौधरी। अंतिम संस्कार में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM pic.twitter.com/eq2h4R2TSx
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) August 17, 2022
दिल का दौरा पड़ने से हुआ था निधन
बता दें कि, बीसीसीआई (BCCI) के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष, झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अमिताभ चौधरी का मंगलवार सुबह निधन हो गया था. दिल का दौरा पड़ने से 62 वर्षीय अमिताभ का निधन हुआ था. दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें तत्काल रांची के सैंटेविटा हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. रांची (Ranchi) का जेएससीए स्टेडियम बनवाने में उनका सबसे अहम योगदान माना जाता है.
आईपीएस रही हैं पत्नी
बता दें कि, 2002 में अमिताभ चौधरी बीसीसीआई के सदस्य बने थे. 2005 में झारखंड के तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो को हराकर वो झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के अध्यक्ष बने. इसके बाद 2005 से लेकर 2009 तक वो क्रिकेट टीम इंडिया के मैनेजर भी रहे. 2013 में उन्होंने आईपीएस की नौकरी से वीआरएस ले लिया था और 2014 में राजनीति में कदम रखा. बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर अमिताभ ने बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम से रांची लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था. हालांकि, वो चुनाव नहीं जीत सके. इसके बाद वो बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए थे. साथ ही आईसीसी बोर्ड में भारत के नियुक्त प्रतिनिधि के तौर पर भी काम किया. जेपीएससी के चेयरमैन के तौर पर सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट रिकॉर्ड समय में जारी करने का श्रेय भी उनके नाम रहा. उनकी पत्नी अमिताभ निर्मला चौधरी भी आईपीएस रही हैं. परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र और पुत्री हैं.
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