Jharkhand News: झारखण्ड के गिरिडीह में नाबालिग बच्ची संग दुष्कर्म के बाद कुएं में फेंकने और बाद में मौत हो जाने का मामला पूरी तरह से तूल पकड़ चुका है. जहां भाजपा इस मामले को टारगेट किलिंग से जोड़ रही है, वहीं भाकपा माले ने पूरी जांच के साथ दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की मांग की है. दूसरी तरफ मामले का संज्ञान राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया है. आयोग के अध्यक्ष के प्रधान सचिव धर्मेन्द्र भंडारी ने इस मामले को लेकर गिरिडीह के एसपी को  नोटिस भेजा है. सीपीसीआर एक्ट 2005 के तहत भेजे गए नोटिस में एसपी से घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है. आयोग ने सत्यापित प्रथम सूचना रिपोर्ट, सत्यापित पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आरोपियों के विरुद्ध की गई कार्यवाई के विवरण के अलावा इस प्रकरण से संबंधित अन्य जानकारी भी मांगी है.


यह मामला दो समुदाय के लोगों से जुड़ा है. ऐसे में गिरिडीह की पुलिस फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है. गिरिडीह के एसपी अमित रेणू के निर्देश पर सरिया - बगोदर के एसडीपीओ नौशाद आलम जांच कर रहे हैं. एसडीपीओ उस थोरिया गांव भी पहुंचे, जहां के कुएं में बच्ची मिली थी. यहां पर कांड के फरार अभियुक्तों की संलिप्तता पर भी जांच की गई है. वहीं जेल भेजे गए मुख्य अभियुक्त मो. कैफ को रिमांड पर लेने की भी तैयारी की जा रही है. 


क्या है मामला?


बता दें कि सोमवार को बिरनी थाना इलाके के एक गांव की नाबालिग लड़की इसी थाना इलाके के थोरिया गांव के कुएं में गिरी मिली थी. लड़की को कुएं से निकाला गया और उसके परिजनों को सौंप दिया गया. बाद में लड़की ने दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद परिजनों ने दुष्कर्म व हत्या का आरोप लगाया है. इस मामले को लेकर लड़की की मां के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. प्राथमिकी में थोरिया के मो. कैफ को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है जबकि इसी गांव के आशिक अंसारी और फारूक अंसारी को भी अभियुक्त बनाया गया है. इस मामले में मो. कैफ को जेल भेजा जा चुका है, लेकिन आशिक व फारूक अभी पुलिस के शिकंजे में नहीं आए हैं. (गिरिडीह से अमर सिन्हा की रिपोर्ट)


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