Giridih News: झारखंड के गिरिडीह जिले के घोडथम्भा क्षेत्र में शुक्रवार (14 मार्च) की शाम होली के जुलूस के दौरान दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई. घोडथम्भा चौक पर पहुंचने के बाद मस्जिद वाली गली से जुलूस निकलने को लेकर कहासुनी हो गई, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया. इससे स्थिति और बिगड़ गई.
देखते ही देखते हिंसा बढ़ी और आगजनी की घटना भी हुई, जिसमें कई दुकानों, बाइकों और चारपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. वहीं इस पर अब विपक्ष सोरेन सरकार पर हमलावर है. बीजेपी नेता निशिकात दुबे ने झारखंड सरकार पर निशाना साधा है.
निशिकांत दुबे ने कहा, "बांग्लादेशी मुसलमानों ने झारखंड के कल्चर को तबाह कर दिया है. झारखंड में यह घटना कांग्रेस की नीतियों की वजह से हो रहा है, कांग्रेस बांग्लादेशी मुसलमानों को बढ़ावा दे रही है जिसकी वजह से यह सभी घटनाएं हो रही हैं."
'झारखंड से धो बैठेंगे हाथ'
उन्होंने आगे कहा, "आदिवासियों की संख्या घट रही है और मुसलमानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अगर कांग्रेस और जेएमएम के खिलाफ बड़ा जन आंदोलन नहीं हुआ तो हम झारखंड राज्य से हाथ धो देंगे. अगर झारखंड में एनआरसी लागू नहीं हुआ और बांग्लादेशी मुसलमानों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो बहुत जल्द झारखंड बांग्लादेश में मिल जाएगा."
बाबूलाल मरांडी ने भी साधा निशाना
उनके अलावा गिरिडीह की घटना को लेकर झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "गिरिडीह के घोड़थंबा में होली जुलूस पर पथराव और आगजनी की दुखद घटना हेमंत सरकार के तुष्टिकरण की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र की विफलता का परिणाम है. हिंदुओं के पर्व त्योहारों पर हिंसा करना नया ट्रेंड बन गया है और इसे बढ़ावा दे रही है घुसपैठियों की संरक्षक झामुमो कांग्रेस की सरकार."
'हिंदू विरोधी तत्वों को प्रोत्साहित कर रही सरकार'
उन्होंने आगे लिखा, "हर हिंदू पर्व त्योहार में हिंसा-उन्माद की घटनाएं देखकर ऐसा लगने लगा है कि राज्य सरकार खुद हिंदू विरोधी तत्वों को हिंसा के लिए प्रोत्साहित कर रही है. पर्व त्योहारों से पूर्व की जाने वाली शांति समिति की बैठकें, प्रशासन के फ्लैग मार्च सिर्फ औपचारिकता बन कर रह गए हैं."
'सीएम सोरेन शांति बनाने में असफल'
बाबूलाल मरांडी ने ये भी लिखा, "प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिसड्डी साबित हुए हैं. दो दिन पहले ही सीएम हेमंत ने अधिकारियों को विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देशित किया था, इसके बावजूद गिरिडीह में अप्रिय घटना को अंजाम दिया गया. शासन प्रशासन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं रह गया है."
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