Jharkhand Politics News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के राजनीतिक भविष्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य शुक्रवार शाम को उनके आवास पर दूसरी बैठक के लिए एकत्रित हुए. सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के करीबी सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह सुनिश्चित करने के लिए रणनीति पर चर्चा की गई कि सरकार को कोई खतरा न हो.झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की अगुवाई वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में अहम सहयोगी दल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त के कथित प्रयास से बचने के लिए विकल्प के तौर पर उन्हें पश्चिम बंगाल, बिहार या छत्तीसगढ़ जैसे राज्य के किसी रिजॉर्ट में ठहराने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है.
निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल से क्या कहा?
बहरहाल, उन्होंने कहा कि भविष्य की कार्रवाई के बारे में फैसला तभी लिया जाएगा जब राज्यपाल रमेश बैस, सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य ठहराने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर अपने निर्णय के बारे में उन्हें बता देंगे. सूत्रों के मुताबिक, माना जा रहा है कि निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल से कहा है कि चुनावी मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए सोरेन को विधायक पद के लिए 'अयोग्य' करार देना चाहिए. राज भवन ने हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जताया भरोसा
तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि बैस शनिवार को निर्वाचन आयोग को सोरेन को अयोग्य ठहराने का आदेश भेज सकते हैं. इसके अलावा राज्य में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का नेतृत्व कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भरोसा जताया है कि सोरेन साल 2024 तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे. पार्टी ने यह भी कहा कि सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य करार दिए जाने की सूरत में वह उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी.